Zubeen Garg: जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा ने लिखा इतिहास, लगी इतनी भीड़ कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज…

जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा में लगभग 10 लाख लोगों की मौजूदगी ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सार्वजनिक सभा के रूप में दर्ज होकर नया रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड उनके असाधारण प्रभाव और लोकप्रियता को दर्शाता है।

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  • Publish Date - September 24, 2025 / 05:36 PM IST,
    Updated On - September 24, 2025 / 06:39 PM IST

Image Source: Screengrab/Instagram

HIGHLIGHTS
  • जुबिन गर्ग का 53 साल की उम्र में सिंगापुर में निधन।
  • गुवाहाटी की सड़कों पर 10 लाख से ज्यादा लोग हुए शामिल।
  • लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक जनसमूह।

Zubeen Garg: ज़ुबीन गर्ग दुनिया से तो चले गए लेकिन उनका आख़िरी सफ़र इतिहास लिख गया। उनके अंतिम संस्कार में 10 लाख से भी ज़्यादा लोग शामिल हुए। शहर की गलियां फूलों, नारों और उनके गानों से गूंज उठीं। ये रिकॉर्ड भीड़ अब दर्ज हो गई है लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बतौर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सार्वजनिक सभा। आइए जानते हैं उनके सफर और उस भीड़ के पीछे की कहानी।

भारत के पूर्वोत्तर से लेकर पूरे देश में अपनी आवाज़ से पहचान बनाने वाले गायक जुबिन गर्ग का 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में निधन हो गया। उनकी मौत ने असम और पूरे देश को हिला दिया। 53 साल की उम्र में उनका जाना और उनके चाहने वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। 21 सितंबर को गुवाहाटी में जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो शहर की हर सड़क शोक से भर गई। अनुमान है कि 10 लाख से ज्यादा लोग ये नज़ारा दखने आये थे ये सिर्फ एक अंतिम यात्रा नहीं बल्कि एक आंदोलन जैसा लग रहा था।

जुबीन गर्ग को चाहने वालों में कैसी दीवानगी थी, उसका एहसास भले आपको उनके रहने पर न हुआ हो लेकिन जाते-जाते इसकी झलक वो पूरी दुनिया को दिखाकर चले गए। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकठ्ठा हुई। उनके फैन्स की ये भीड़ इतनी बड़ी थी कि ये पल लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। सिंगर के हजारों फैन्स गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में उमड़ पड़े और उनके आखिरी दर्शन के लिए रात भर कतार में लगे रहे।

सोशल मीडिया से लेकर गलियों तक, हर जगह जुबिन गर्ग के गाने बजते रहे और लोग उन्हें याद करते रहे। गुवाहाटी में उमड़ी भीड़ इस बात की गवाही देती है कि वे सिर्फ एक गायक नहीं बल्कि लोगों की भावनाओं और पहचान का हिस्सा बन चुके थे।

भीड़ ने रिकॉर्ड बनाया – (लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स)

Zubeen Garg: इतनी बड़ी भीड़ ने एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सार्वजनिक सभा माना है। इससे पहले ऐसे जनसमूह केवल माइकल जैक्सन, पोप फ्रांसिस और क्वीन एलिज़ाबेथ II जैसे वैश्विक आइकॉन के लिए दर्ज हुए थे। ये जुबिन गर्ग के प्रभाव और लोकप्रियता का सबसे बड़ा सबूत है।

किंग ऑफ हमिंग

उनका गाना “या अली” अब भी चार्टबस्टर के तौर पर याद किया जाता है। उनकी आवाज़ को लोग “दिलों को सीधा छूने वाली” कहते थे, और यही वजह थी कि उन्हें “किंग ऑफ हमिंग” की उपाधि दी गई थी।

उनकी विदाई साबित कर गई कि वे सिर्फ़ एक सिंगर नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन थे।

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जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा में कितनी भीड़ शामिल हुई थी?

उनकी अंतिम यात्रा में लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

इस भीड़ का रिकॉर्ड किस रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ?

यह रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है और इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सार्वजनिक सभा माना गया है।

जुबिन गर्ग को “किंग ऑफ हमिंग” की उपाधि क्यों दी गई?

उनकी आवाज़ को “दिलों को सीधा छूने वाली” माना जाता था और उनका गाना “या अली” बेहद लोकप्रिय रहा, इसलिए उन्हें “किंग ऑफ हमिंग” की उपाधि दी गई।