First Worship boon lord Ganesh: भारत एक विविधताओं का देश है यहां जितनी अलग तरह की भाषा बोली जाती है उतनी ही अलग तरह की संस्कृति है। हिन्दू घर परिवार में जब भी पूजा पाठ किया जाता है। सबसे पहले गौरी गणेश का पूजन किया जाता है। हिन्दू देवी देवताओं में गणेश को प्रथम पूज्य होनें का वरदान प्राप्त है। इसिलिए किसी काम को करनें से पहलें श्री गणेश करनें को कहते हैं। बुद्धी और विवेक के दाता गणेश को कहा जाता है। लेकिन यह वरदान गणेश जी को कैसे मिला, लोग क्यूं सबसे पहले गौरी गणेश को मनाते है फिर आगे का कार्यक्रम शुरु करते हैं। आइये हम आपको बताते हैं।
कैसे मिला प्रथम पूज्य का वरदान
पौराणिक कथा के अनुसार सभी देवताओं में एक बार इस बात को लेकर विवाद हुआ कि सबसे पहले किस भगवान की पूजा की जानी चाहिए। सभी देवताओं के अपने महत्व और कार्य हैं। सभी भगवानों के बीच चर्चा हुई और हर कोई खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे। तभी नारद मुनी प्रकट हुए और उन्होंने देवताओं को भगवान शिव के पास जाने के लिए कहा। सभी की बात सुनकर शिवजी ने कहा जो भी देवता इस पूरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर सबसे पहले आएगा वही सर्वप्रथम पूजनीय माना जाएगा। इसको लेकर बाद में धारावाहिक भी बनाया गया ।
गणेश चतुर्थी के दिन इस मंत्र से करें गणपति की पूजा यदि आपकी कुंडली में ग्रह दोष हैं, तो गणेश उत्सव के दौरान नीचे बताए जा रहे मंत्र का जाप करें। इस मंत्र में भगवान श्रीगणेश के 12 नामों का जाप किया जाता है। इस मंत्र का जाप यदि आप किसी मंदिर में भगवान गणेश के सामने बैठकर करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।’