Controversy over celebrating Hindi Diwas

हिंदी दिवस मनाने को लेकर विवाद, दो पार्टियों के बीच बनी टकराव की स्थिति और फिर हुआ ऐसा कि…

हिंदी भारत की पहचान है। भारत विविधताओं का देश है, जहां कई भाषाएं और लिपि बोली और पढ़ी जाती हैं। देश में अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी ही है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाने की मांग कई दिग्गजों ने उठाई, हालांकि हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 01:50 AM IST, Published Date : September 13, 2022/5:29 pm IST

Hindi Diwas 2022 : बेंगलुरु – हिंदी भारत की पहचान है। भारत विविधताओं का देश है, जहां कई भाषाएं और लिपि बोली और पढ़ी जाती हैं। देश में अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी ही है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाने की मांग कई दिग्गजों ने उठाई, हालांकि हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। देश के सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी का ही उपयोग होता है। हिंदी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके चलन को बढ़ाने के लिए सरकारी दस्तावेज आज भी हिंदी में ही तैयार किए जाते हैं। हिंदी के इसी उपयोगिता को लेकर हर साल 14 सितंबर को भारतवासी हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1953 से हुई थी। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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Hindi Diwas 2022 : कर्नाटक में हिंदी दिवस मनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस दौरान जद (एस) और बीजेपी के बीच टकराव की स्थिति बन गई। हिंदी दिवस बुधवार को मनाया जाना है। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को एक पत्र लिखा है कि हिंदी दिवस मनाना देश के साथ अन्याय होगा। भाजपा ने उनके पत्र का खंडन करते हुए कहा है कि, कर्नाटक के लोग राजनीतिक मकसद को समझते हैं और वे परवाह नहीं करेंगे।

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Hindi Diwas 2022 : हालांकि, पुलिस कोई चांस नहीं ले रही है और पूरे राज्य में, खासकर बेंगलुरु में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का फैसला किया है। कुमारस्वामी ने कहा कि, देश में हजारों भाषाएं और उप-भाषाएं शामिल हैं और यह 560 प्रांतों का एक महान संघ है जिसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार एक साथ आने के लिए सहमत हैं। उन्होंने कहा, इस भूमि पर एक भाषा को तरजीह देना देश का अपमान है। 14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कर्नाटक में जबरदस्ती मनाना सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा कन्नड़ियों के साथ विश्वासघात होगा।

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Hindi Diwas 2022 : उन्होंने बोम्मई से कन्नड़ लोगों की कीमत पर हिंदू दिवस नहीं मनाने का आग्रह किया है। पत्र का कड़ा खंडन करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा कि, कन्नड़ लोग उनके आह्वान पर कोई ध्यान नहीं देंगे, यह कहते हुए कि 1949 से हिंदी दिवस मनाया जाता रहा है। नागेश ने कहा कि, इस मुद्दे को अब राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है, कुमारस्वामी हर चीज का फायदा उठाना और उसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं। अगर उनकी विचारधारा यही थी तो उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा को समारोह आयोजित नहीं करना चाहिए था।

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Hindi Diwas 2022 : नागेश ने आगे कहा कि, हिंदी दिवस समारोह की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा ने नहीं की है, यह 1949 से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

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