Quotes on budgets: budget speeches which changed the country

Quotes on budgets: बजट भाषणों में कही गईं वो बातें जिन्होंने बदल दिया देश का नक्शा, किसी ने शायरी तो किसी ने गुनगुनाएं गीत, पढ़े मनमोहन सिंह के शब्द

In the long speeches given during the presentation of the budget, sometimes the Finance Minister hummed songs and sometimes precious sentences of famous philosophers were given place. These words made people laugh in the Parliament and also forced them to think seriously about the condition of the country.

Edited By :   Modified Date:  January 31, 2023 / 05:43 PM IST, Published Date : January 31, 2023/5:43 pm IST

Quotes on budgets: भारत आज दुनिया के सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन चुकी हैं। भारत के आज पूरी दुनिया के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं। फिर वह चाहे अमेरिका हो या रूस, चीन हो या जापान। वैश्विक मंचो पर सामरिक और कूटनीतिक फैसलों पर भारत की धमक आज साफतौर पर नजर आती हैं। यूएनओ और शिखर सम्मेलनों में भारत की बातों को तरजीह मिलती हैं तो दुनिया के सबसे ताकतवर नेता भी भारतीय प्रतिनिधियों को बराबरी पर रखकर चर्चा करते हैं। यह हमारी आर्थिक ताकत का ही नतीजा हैं की आजादी के बाद से अब तक हमने व्यापार, रक्षा के क्षेत्र में नए आयामों को छुआ हैं, कई नए कीर्तिमान रचे हैं।

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Quotes on budgets: लेकिन इस कामयाबी के पीछे जिनका सबसे बड़ा हाथ था वह थी भारत की सरकारें और उन सरकारों के प्रधानमंत्रियों की नीति। इनमे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी। लाल बहादुर शास्त्री से लेकर नरसिम्हा राव। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी जैसे सभी प्रधानमंत्रियों की भूमिका रही हैं। विविधता वाले भारत देश में आये हर बदलाव, हर उपलब्धि के पीछे हमारे महान नेताओ की मेहनत, लग्न और उनकी दूरदर्शिता छिपी हैं। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत कल जब अपना आम बजट संसद में प्रस्तुत करेगा तो इस पर फिर से पूरी दुनिया की नजर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, उनके भाषण और घोषणाओं पर टिकी होंगी। यह ऐतिहासिक क्षण होगा, यह ऐतिहासिक दौर होगा। जहां भारत के वित्तमंत्री के फैसले और भारत सरकार की नीति एक झटके में ही वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे।

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Quotes on budgets: बात करे भारतीय बजट के दौरान वित्तमंत्रियों के भाषणों की तो यह राजनितिक गलियारों में हमेशा से ही चर्चा का विषय बना रहा हैं। बजट भाषणों में हमेशा से ही वित्तमंत्रियों का अनोखा अंदाज देखने को मिला हैं. बजट पेश करने के दौरान दिए जाने वाले लम्बे भाषणों में कभी किसी वित्तमंत्री ने गीत गुनगुनाये तो कभी महशूर दार्शनिकों के अनमोल वाक्यों को जगह दी गई. संसद में इन शब्दों ने लोगो को हंसाया भी और देश के हालत के परिप्रेक्ष्य में उन्हें गंभीरता से सोचने पर मजबूर भी किया. आज हम पूर्व में वित्तमंत्रियों के भाषण के दौरान दिए गये उन्ही वाक्यों, बयानों और शब्दों को जानेंगे जिन्हों देश को बदलने में एक अहम् भूमिका निभाई.

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मनमोहन सिंह (1991)

Quotes on budgets: पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह द्वारा 1991 में पेश किए गए बजट को काफी ऐतिहासिक माना जाता है, सराहा जाता हैं। उन्होंने इस बजट में देश को संकट से निकालने के लिए प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) और लिबरलाइजेशन (उदारीकरण) जैसे निर्णय को लागू किया था। इसको समझाने के लिए फ्रेंच लेखक विक्टर ह्यूगो की पंक्ति का उपयोग किया था। ह्यूगो ने कहा था कि ‘उस विचार को रोक नहीं जा सकता है, जिसका समय आ चुका है।’ इसका इस्तेमाल करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया को जान लेना चाहिए कि भारत जाग चुका है। हम जीतेंगे और मुश्किलों से निजात पाएंगे।

यशवंत सिन्हा (2001)

Quotes on budgets: अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिंहा की ओर से बजट भाषण के दौरान की गई शायरी को काफी याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘तकाजा है वक्त का कि तूफान से जूझो, कहां तक चलोगे किनारे-किनारे?’

अरुण जेटली (2017)

Quotes on budgets: इसी तरह 2017 के बजट भाषण के दौरान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से यूपीए सरकार में लिए गए खराब फैसलों की आलोचना के लिए उपयोग की गई पंक्ति उस समय काफी लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने कहा था कि ‘कश्ती चलाने वालों ने जब हारकर दी पतवार हमें, लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मझदार मुझे।’

निर्मला सीतारमण (2021)

Quotes on budgets: कोरोना महामारी के दौरान 2021 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रवींद्र नाथ टैगोर की पंक्तियों को बोलते हुए कहा था कि ‘विश्वास वह चिड़िया है जो तब रोशनी का अहसास करती है और गीत गुनगुनाती है, जब सुबह से पहले रात का अंधेरा छट रहा होता है।’

 
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