पैरासिटामोल की अधिक खुराक से हो सकता है नुकसान! ये है उम्र के अनुसार क्रोसिन, काल्पोल, डोलो की सही मात्रा

पैरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार (Fiver), माइग्रेन, पीरियड पेन, सिर दर्द, दांत दर्द, बदन दर्द जैसी परेशानियों में किया जाता हैं लेकिन इसकी सही खुराक के बारे में जानना बहुत अहम है।

पैरासिटामोल की अधिक खुराक से हो सकता है नुकसान! ये है उम्र के अनुसार क्रोसिन, काल्पोल, डोलो की सही मात्रा

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Modified Date: November 29, 2022 / 10:00 am IST
Published Date: January 19, 2022 6:20 pm IST

exact dose of Paracetamol: ज्यादातर लोग पैरासिटामोल (paracetamol) का सेवन करते हैं लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी हैं। पैरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार (Fiver), माइग्रेन, पीरियड पेन, सिर दर्द, दांत दर्द, बदन दर्द जैसी परेशानियों में किया जाता हैं लेकिन इसकी सही खुराक के बारे में जानना बहुत अहम है।

भारत में सबसे ज्यादा लोग पैरासिटामोल (paracetamol) का इस्तेमाल करते हैं, काल्पोल (Calpol), क्रोसिन (Crocin), डोलो (Dolo), सूमो एल (Sumo L), कांबीमोल (Kabimol), पेसीमोल (Pacimol) जैसे कई नामों से ये दवा दुकानों में मिलती है।

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ड्रग्स डॉट कॉम के मुताबिक सामान्य वयस्क को अगर बुखार है तो अमेरिकी गाइडलाइन के मुताबिक 325 एमजी से 650 एमजी तक पैरासिटामोल की खुराक 4 से 6 घंटे की अवधि के दौरान दी जा सकती है। अगर अंतराल 8 घंटे तक का है तो उसे 1000 MG तक की दवा दी जा सकती है। हालांकि व्यक्ति में पूर्व की बीमारियां, वजन, हाइट, परिवेश के आधार पर भी खुराक निर्धारित होती है।

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गाइडलाइन के मुताबिक बुखार में 500 एमजी पैरासिटामोल को 6 घंटे के बाद ही लेना चाहिए, छोटे बच्चों को पैरासिटामोल देते समय बहुत ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। अगर बच्चे को बुखार है और वह एक महीने से कम का है तो उसे 10 से 15 एमजी पैरासिटामोल प्रति किलो वजन के हिसाब से 4 से 6 घंटे के अंतराल पर दिया जाता है। वही 12 साल तक के बच्चे को इसी मात्रा के हिसाब से 6 से 8 घंटे के अंतराल पर दिया जाना चाहिए।

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वेबएमडी की खबर के मुताबिक अगर बुखार में आप तीन दिन से पैरासिटामोल की दवा ले रहे हैं और बुखार नहीं उतर रहा है तो तुरंत इसे छोड़ दें और डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी तरह के दर्द में 10 दिन से ज्यादा पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा लिवर प्रॉब्लम, किडनी प्रॉब्लम, अल्कोहल प्रॉब्लम और अंडरवेट की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए।

पैरासिटामोल के ओवरडोज से कभी-कभी साइड इफेक्ट भी हो सकता है, एलर्जी, स्किन पर रेशेज, ब्लड डिसऑर्डर जैसी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा पैरासिटामोल के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी डैमेज होने का जोखिम रहता है। पैरासिटमोल के ओवरडोज से डायरिया, ज्यादा पसीना, भूख की कमी, बेचैनी, उल्टी, पेट में दर्द, सूजन, दर्द, पेट में मरोड़ जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com