IBC24 News Mind Summit
रायपुर: IBC24 News Mind Summit छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं।इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक जमीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए? इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया। कार्यक्रम में पीसीसी चीफ दीपक बैज शामिल हुए।
इस मुद्दे पर पीसीसी चीफ ने कहा कि अगर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं हमारे लिए और सबके लिए बहुत अच्छा है। मैंने कहा अच्छा है, लेकिन कल तो कैबिनेट में निर्णय हुआ कि जो नक्सली सरेंडर किए हैं उनके लिए एक टीम बना दिया जाएगा और उनकी केस को उनके ऊपर जो केस लगे उनको ऊपर कैसे लिया जाएगा लेकिन सबसे बड़ा सवाल झरम घाटी घटना हुआ कई परिवार शहीद हुए पुलिस परिवार शहीद हुए छोटे कार्यकर्ता कांग्रेस के तमाम टॉप लीडर मारे गए। एडसमेट घटना ताड़मेटला का 76 जवान शहीद हुए और उसके बाद रानी बोदली में 55 से 56 जवान शहीद हुए। एक साथ मारे गए नरसंहार। क्या इतनी बड़ी घटना घटने के बाद अगर कोई मास्टर माइंड है तो क्या उसकी सजा माफ कर देना चाहिए क्या? सरकार कहती है माफ कर देना चाहिए। उन शहीद परिवारों से सरकार पूछा है क्या?
झीरम घटना में जो घटित हुई कई जवान शहीद हुए उन परिवारों से पूछा है क्या कि आपके परिवार को नक्सलियों ने मारा इसलिए उनको माफी देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? वो दर्द कम नहीं हो सकता। आपकी पॉलिसी है कि सरेंडर नीति। सरेंडर आके कर लो मुख्यधारा में जोड़ लो सरकार यह लाभ देगी आपको। वहां तक कहीं दिक्कत नहीं है हम उसमें सहमत है, लेकिन इस पे सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। दूसरी चीज नक्सली केस में कई आदिवासियों को छोटे केस से बड़े केस लगाकर फर्जी केस लगाकर जेल में बंद कर दिए। उनका क्या होगा? उनके लिए कौन लड़ेगा? सरकार उनके लिए सोच रही है। फिर दोहरी नीति क्यों? उसके लिए भी सरकार को सोचना चाहिए।