AIMPLB ने वक्फ संशोधनों को इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत पर गंभीर हमला बताया, देशव्यापी आंदोलन जारी रखने की बात कही
AIMPLB ON WAQF Amendments ACT : एआईएमपीएलबी ने कहा है कि हम सभी धार्मिक, समुदाय आधारित और सामाजिक संगठनों के समन्वय से इन संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन जारी रखेंगे और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते।
AIMPLB on Waqf Amendment Bill 2025 || Image- ibc24 News File
- भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना पर गंभीर हमला बताया
- इन संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन जारी
नईदिल्ली: AIMPLB ON WAQF Amendments ACT ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधनों को इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना पर गंभीर हमला बताया है।
एआईएमपीएलबी ने कहा है कि हम सभी धार्मिक, समुदाय आधारित और सामाजिक संगठनों के समन्वय से इन संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन जारी रखेंगे और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते।
उच्चतम न्यायालय में गलत आंकड़े पेश करने का आरोप
AIMPLB ON WAQF Amendments ACT इसके पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार पर वक्फ मामले में उच्चतम न्यायालय में गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। ‘झूठा हलफनामा’ दाखिल करने के लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। एआईएमपीएलबी ने सरकार के इस बयान पर गंभीर आपत्ति जताई है कि 2013 के बाद केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड की गई वक्फ संपत्तियों की संख्या में ‘चौंकाने वाली वृद्धि’ दर्ज की गई।
एआईएमपीएलबी ने कहा है, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि अपने हलफनामे में भारत संघ यह इशारा कर रहा है कि 2013 से पहले वक्फ के रूप में पंजीकृत सभी संपत्तियों को डब्ल्यूएएमएसआई पोर्टल पर तुरंत अपलोड किया गया था, जब यह चालू हुआ। पृष्ठ संख्या 158 पर पहले कॉलम में ‘2013 में संपत्तियों की संख्या’ शीर्षक के साथ यह कहना कि इसमें दर्शाइ गई वक्फ संपत्तियां ही पंजीकृत संपत्तियां थीं, शरारतपूर्ण है।’
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बोर्ड ने कहा, ‘जवाबी हलफनामा दाखिल करने वाले व्यक्ति ने इस अदालत के समक्ष स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है और ऐसा प्रतीत होता है कि उसने सावधानीपूर्वक यह बयान देने से परहेज किया है कि ‘सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को वर्ष 2013 में वेब पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया था।’ चूंकि, हलफनामे में यह महत्वपूर्ण पहलू गायब है, इसलिए इस दस्तावेज की सत्यता संदिग्ध है।’

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