GSAT-7R Rocket: भारत का बाहुबली रॉकेट GSAT-7R लॉन्च, ISRO की सफलता ने पूरे देश को गर्वित किया, आत्मनिर्भर भारत की नई उड़ान

GSAT-7R Rocket: भारत का बाहुबली रॉकेट GSAT-7R लॉन्च, ISRO की सफलता ने पूरे देश को गर्वित किया, आत्मनिर्भर भारत की नई उड़ान

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  • Publish Date - November 2, 2025 / 08:19 PM IST,
    Updated On - November 3, 2025 / 06:08 PM IST

Bahubali LM3-M5 Rocket/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • आत्मनिर्भर भारत की नई उड़ान
  • बाहुबली रॉकेट GSAT-7R लॉन्च
  • ISRO की सफलता ने पूरे देश को गर्वित किया

श्रीहरिकोटा: GSAT-7R Rocket:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय नौसेना का सबसे एडवांस्ड कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7R लॉन्च किया। GSAT-7R भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका वजन लगभग 4,400 किलोग्राम है। इसे पूरी तरह भारत में विकसित किया गया है।

ISRO का ‘बाहुबली रॉकेट’

Bahubali LM3-M5 Rocket:  यह सैटेलाइट दूसरे लॉन्च पैड से शाम 5:26 बजे लॉन्च किया गया। इसे ISRO का ‘बाहुबली रॉकेट’ भी कहा गया है। इस सैटेलाइट की मदद से भारतीय नौसेना के जहाज, हवाई जहाज, पनडुब्बियां और समुद्री ऑपरेशंस सेंटर आपस में तेज़ और सुरक्षित संचार कर सकेंगे। GSAT-7R के लॉन्च से नौसेना की निगरानी और कम्युनिकेशन नेटवर्क पहले से कहीं अधिक सक्षम होगा, जो भारतीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।

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"GSAT-7R लॉन्च" कब और कहाँ हुआ?

GSAT-7R सैटेलाइट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5:26 बजे लॉन्च किया गया।

"GSAT-7R ISRO" का उद्देश्य क्या है?

इस सैटेलाइट का उद्देश्य भारतीय नौसेना के जहाजों, हवाई जहाजों, पनडुब्बियों और ऑपरेशंस सेंटर के बीच तेज़ और सुरक्षित संचार सुनिश्चित करना है।

"GSAT-7R वजन और विशेषताएं" क्या हैं?

GSAT-7R का वजन लगभग 4,400 किलोग्राम है और इसे पूरी तरह भारत में विकसित किया गया है, इसे ‘बाहुबली रॉकेट’ भी कहा जाता है।