CG News: छत्तीसगढ़ के मदिरा प्रेमियों के जरूरी खबर, इन जगहों पर शराब पीने पर नहीं होगी जेल, दूसरी बार पकड़ गए तो..

सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने पर नहीं होगी जेल, Chhattisgarh News: There will be no jail for drinking alcohol in public places

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  • Publish Date - July 18, 2025 / 10:38 PM IST,
    Updated On - July 18, 2025 / 10:38 PM IST

Chhattisgarh News. Image Source- IBC24 Archive

रायपुर: Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जनविश्वास विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। इस विधेयक में छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, और छत्तीसगढ़ सहकारिता सोसायटी अधिनियम से संबंधित 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में बदलाव किया गया है। अब ऐसे मामलों में केवल प्रशासकीय जुर्माना लगेगा, जिससे व्यापार व्यवसाय में आसानी होगी। विधेयक में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधान में भी संशोधन किया गया है। सार्वजनिक स्थल पर शराब के उपभोग के मामले में पहली बार सिर्फ जुर्माना और इसकी पुनरावृत्ति के मामले में जुर्माना और कारावास का प्रावधान किया गया है।

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इस पर भी नए प्रावधान

इसी तरह नगरीय प्रशासन विभाग के अधिनियम के तहत मकान मालिक द्वारा किराया वृद्धि की सूचना नहीं दिए जाने के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के प्रावधान को संशोधित कर अब अधिकतम 1,000 रुपये की शास्ति का प्रावधान किया गया है। इसी तरह किसी सोसायटी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने के मामले में विलंब की स्थिति में आपराधिक कार्रवाई के प्रावधान को संशोधित कर नाममात्र के आर्थिक दंड में बदल दिया गया है। विशेषकर महिला समूहों के मामलों में इसे और भी न्यूनतम रखा गया है। यदि कोई संस्था गलती से सहकारी शब्द का उपयोग कर लेती थी, तो उसे आपराधिक मुकदमे और दंड के प्रावधान के स्थान पर अब केवल प्रशासनिक आर्थिक दंड का प्रावधान है।

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जनविश्वास विधेयक क्या है?

यह विधेयक 8 अधिनियमों के 163 आपराधिक प्रावधानों को समाप्त कर उन्हें प्रशासनिक जुर्माने में बदलने के लिए लाया गया है, जिससे नागरिकों और व्यापारियों को अनावश्यक कानूनी कार्यवाही से राहत मिलेगी।

क्या अब सार्वजनिक स्थान पर शराब पीना अपराध नहीं है?

अब पहली बार सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने पर केवल जुर्माना लगेगा। पुनरावृत्ति की स्थिति में जुर्माना के साथ जेल की सजा हो सकती है।

क्या सोसायटी के वार्षिक रिपोर्ट लेट होने पर केस नहीं होगा?

हां, अब सोसायटी द्वारा वार्षिक रिपोर्ट देर से जमा करने पर आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि केवल आर्थिक दंड लिया जाएगा।

क्या महिला समूहों को भी लाभ मिलेगा?

जी हां, महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष राहत दी गई है और उनके लिए दंड राशि को न्यूनतम रखा गया है।

क्या व्यापारियों को इस विधेयक से राहत मिलेगी?

बिल्कुल, किराया वृद्धि की सूचना में चूक या अन्य प्रशासनिक भूलों के लिए अब केवल आर्थिक दंड का प्रावधान है, जिससे व्यापार करना सरल होगा।