Delhi School Fees: निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक! ज्यादा फीस बढ़ाने पर 10 लाख तक का जुर्माना, राज्य सरकार ने पास किया बिल

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि बिल का नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन 2025 है। फीस बढ़ेगी या नहीं सब कुछ पारदर्शी तरीके से होगा

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  • Publish Date - April 29, 2025 / 04:32 PM IST,
    Updated On - April 29, 2025 / 04:46 PM IST

Delhi School Fees, image source: ibc24 file

HIGHLIGHTS
  • दिल्ली के सभी स्कूलों में फीस को लेकर कैबिनेट ने बिल पास किया
  • 10 लाख तक का भरना होगा जुर्माना

Delhi School Fees: दिल्ली की राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार (29 अप्रैल) को कैबिनेट मीटिंग में दिल्ली स्कूल फीस एक्ट को मंज़ूरी दे दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के सभी स्कूलों में फीस को लेकर कैबिनेट ने बिल पास किया है। इस बिल से पैरेंट्स को राहत मिलेगी। राज्य में स्कूल फीस न बढ़ा पाएं इसके लिए आज तक पहले की सरकार ने कोई भी प्रावधान नहीं बनाया था। अब दिल्ली के 1677 स्कूलों को एक नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों से अभिभावक स्कूल और छात्रों के बीच में विषय चल रहा था। स्कूल प्रशासन के द्वारा अलग-अलग उठाए गए कदमों के द्वारा विषय सामने आ रहा था, हमने अपने अधिकारियों को स्कूल में भेजा, डीएम को स्कूल भेजा जिन्होंने स्कूलों में फीस की बढ़ोतरी को लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।

वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि बिल का नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन 2025 है। फीस बढ़ेगी या नहीं सब कुछ पारदर्शी तरीके से होगा, उन्होंने कहा कि पिछले बिल में फीस को बढ़ाने को लेकर किसी भी प्रकार की कोई रोकटोक नहीं रखी गई थी। इस बिल में तीन स्तरीय समिति बनाकर इस बिल को लागू करने का काम किया गया है।

10 लाख तक का भरना होगा जुर्माना

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा , “पहले स्कूल लेवल पर कमेटी बनेगी जो 10 सदस्यीय होगी। इसमें अभिभावक भी शामिल होंगे। ये कमेटी निर्णय करेगी कि फीस बढ़ेगी या नहीं। 31 जुलाई को कमेटी का गठन होगा जो 30 दिनों में रिपोर्ट देगी। अगर रिपोर्ट नहीं दे पाएगी या सहमति नहीं बन पाएगी तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी इन्हें सुनेगी। अगर यहां भी सहमति नहीं हुई तो स्टेट लेवल कमेटी फैसला लेगा। जो स्कूल बिना कमेटी के निर्णय के फीस बढ़ाने का काम करेगा, उसे एक लाख से 10 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है और स्कूल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है।” इतना ही नहीं अगर किसी बच्चे को स्कूल से बाहर बैठाया तो 50 हजार प्रति बच्चे की दर से प्रतिदिन का जुर्माना भरना पड़ेगा।

अब देखना होगा कि सरकार के इस कदम से स्कूलों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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1. क्या सभी निजी स्कूलों पर यह नया कानून लागू होगा?

हाँ, दिल्ली के सभी 1677 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर यह कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य फीस में पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करना है।

फीस बढ़ाने की प्रक्रिया अब कैसे होगी?

अब फीस बढ़ाने से पहले तीन स्तरों पर कमेटियां निर्णय लेंगी: स्कूल स्तर की 10 सदस्यीय कमेटी (जिसमें अभिभावक भी शामिल होंगे) डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी (यदि स्कूल स्तर पर सहमति नहीं बनती) स्टेट लेवल कमेटी (यदि जिला स्तर पर भी सहमति न हो) स्कूल बिना इन कमेटियों की मंज़ूरी के फीस नहीं बढ़ा सकता।

अगर कोई स्कूल बिना अनुमति के फीस बढ़ाता है तो क्या कार्रवाई होगी?

बिना समिति की अनुमति के फीस बढ़ाने पर: 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है

अगर किसी छात्र को फीस विवाद में स्कूल से निकाला या बाहर बैठाया गया तो?

ऐसी स्थिति में स्कूल को प्रति छात्र प्रति दिन 50,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। यह प्रावधान छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए है।

यह नया कानून कब से लागू होगा और अभिभावकों को क्या करना होगा?

यह कानून 2025 सत्र से लागू होगा। अभिभावकों को कमेटी में प्रतिनिधित्व मिलेगा, जिससे वे फीस निर्धारण में हिस्सा ले सकेंगे। उन्हें स्कूल द्वारा समय पर जानकारी दी जाएगी।