Wickremesinghe shifted to ICU: आईसीयू में भर्ती किए गए पूर्व राष्ट्रपति, सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के आरोप में हुए थे गिरफ्तार

Former President Wickremesinghe shifted to ICU: विक्रमसिंघे (76) को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा 26 अगस्त तक हिरासत में भेजे जाने के बाद शुक्रवार आधी रात के करीब मुख्य मैगजीन रिमांड जेल ले जाया गया।

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  • Publish Date - August 23, 2025 / 09:56 PM IST,
    Updated On - August 23, 2025 / 10:13 PM IST

Road Accident| Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार
  • कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल में स्थानांतरित करने की सलाह

कोलंबो: Former President Wickremesinghe shifted to ICU, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शनिवार को कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें एक दिन पहले ही उनके कार्यकाल के दौरान सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।

विक्रमसिंघे (76) को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा 26 अगस्त तक हिरासत में भेजे जाने के बाद शुक्रवार आधी रात के करीब मुख्य मैगजीन रिमांड जेल ले जाया गया। जेल प्रवक्ता जगत वीरसिंघे ने शनिवार को बताया कि विक्रमसिंघे को जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया, क्योंकि उनका रक्त शर्करा और रक्तचाप का स्तर अधिक था।

कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल में स्थानांतरित करने की सलाह

दोपहर तक उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और जेल के चिकित्सकों ने उन्हें कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल में स्थानांतरित करने की सलाह दी। अस्पताल की निदेशक डॉ. रुखशान बेलाना ने संवाददाताओं को बताया कि विक्रमसिंघे को पहले गहन देखभाल इकाई में रखा गया था, लेकिन बाद में उन्हें कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल की गहन देखभाल इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया।

सरकारी धन के कथित दुरुपयोग की जांच

पूर्व राष्ट्रपति को शुक्रवार को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) मुख्यालय में गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्हें 1.66 करोड़ श्रीलंकाई रुपये के सरकारी धन के कथित दुरुपयोग की जांच के संबंध में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था। इसके बाद विक्रमसिंघे को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।

सीआईडी ​​ने उन पर दंड संहिता की धारा 386 और 388 तथा सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 5(1) के तहत आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में कम से कम एक साल और अधिकतम 20 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।

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