MP News: प्रदेश में 8 साल से नहीं हुआ शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों का प्रमोशन, बन रही बड़े आंदोलन की रणनीति

MP Government employees promotion: मध्यप्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने पदोन्नति की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन का ऐलान किया है। कर्मचारी संघ ने सवाल उठाया है कि विधि और विधायी कार्य विभाग में पदोन्नति की जा सकती है तो अन्य विभागों में क्यों नहीं

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  • Publish Date - March 7, 2025 / 10:01 PM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 10:02 PM IST

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HIGHLIGHTS
  • एक बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहे शासकीय सेवक
  • एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त

भोपाल: MP Government employees promotion, मध्यप्रदेश में 8 साल से शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हो रहे है इस दौरान एक लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारी बिना प्रमोशन के सेवानिवृत हो गए। अब शासकीय सेवकों के सब्र का बांध टूटने जा रहा है और वह एक बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।

मध्यप्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने पदोन्नति की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन का ऐलान किया है। कर्मचारी संघ ने सवाल उठाया है कि विधि और विधायी कार्य विभाग में पदोन्नति की जा सकती है तो अन्य विभागों में क्यों नहीं। 8 साल से पदोन्नतियां रुकी है और एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त भी हो गए हैं।

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उच्चतम न्यायालय में पदोन्नतियों को लेकर प्रकरण दायर होने के बाद जिस प्रकार मध्यप्रदेश शासन विधि और विधायी कार्य विभाग में तृतीय श्रेणी के 48 एवं चतुर्थ श्रेणी के 30 कर्मचारियों को पदोन्नति दी, इसी प्रकार सभी विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए। जब विधि और विधायी विभाग में उच्चतम न्यायालय में याचिका निर्णय के अधीन रखकर जो पदोन्नतियां दी गई हैं, उसी प्रकार के निर्णय के तहत सभी विभागों में भी पदोन्नति दी जा सकती हैं।

MP Government employees promotion, कर्मचारी सेवा में आते हैं तो समय-समय पर पदोन्नति होने से पदनाम में वृद्धि एवं आर्थिक लाभ एवं अधिकार भी प्राप्त होते हैं। इससे कहीं ना कहीं कर्मचारियों की कार्य कुशलता और सम्मान बढ़ता है। इससे पहले भी पशुपालन विभाग में पदोन्नति दी गई है। कर्मचारियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कर्मचारियों की 8 साल से रूकी पदोन्नतियां आदेश जारी करने के एक साथ निर्देश दें। कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि पदोन्नति नहीं होती है, तो फिर कर्मचारियों को सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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इधर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह सरकार जानबूझकर कोर्ट की आड़ में प्रमोशन रोके हुए है और कर्मचारियों को परेशान कर रही है। उधर सत्ता पक्ष ने कहा कि पूरा विषय अदालत में है और सरकार कर्मचारियों के हित में मजबूती से पक्ष रख रही है कांग्रेस हर जगह राजनीति नहीं करें।

मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों के प्रमोशन 8 साल से क्यों रुके हुए हैं?

उच्चतम न्यायालय में प्रमोशन से संबंधित प्रकरण लंबित होने के कारण राज्य सरकार ने अधिकांश विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया रोक दी थी।

क्या कुछ विभागों में प्रमोशन दिए गए हैं?

हां, विधि और विधायी कार्य विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है। इससे पहले पशुपालन विभाग में भी पदोन्नति दी जा चुकी है।

शासकीय कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें क्या हैं?

सभी विभागों में विधि एवं विधायी कार्य विभाग की तर्ज पर प्रमोशन प्रक्रिया शुरू करना और 8 साल से लंबित पदोन्नतियों के आदेश तुरंत जारी करना।

यदि प्रमोशन नहीं होते हैं, तो कर्मचारी संगठनों की अगली रणनीति क्या होगी?

कर्मचारी संगठन बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि वे सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।