Guru Nanak Jayanti: 2025 में कब मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती? जानें बाबा नानक के 10 अनमोल उपदेश जो दिखते हैं जीवन की सही राह!

गुरु नानक जयंती अक्टूबर- नवंबर माह में आने वाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है 2025 में गुरु नानक जयंती 5 नवंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी। गुरु नानक जयंती को गुरुपर्व एवं प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

Guru Nanak Jayanti: 2025 में कब मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती? जानें बाबा नानक के 10 अनमोल उपदेश जो दिखते हैं जीवन की सही राह!

Guru Nanak Jayanti 2025

Modified Date: November 4, 2025 / 07:26 pm IST
Published Date: November 4, 2025 7:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • गुरु नानक जयंती 2025: निःस्वार्थ सेवा, सिमरन और समानता का पर्व

Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव जी (1469-1539) सिख धर्म के प्रथम गुरु और इसके संस्थापक थे। उनका मुख्य संदेश “नानक नाम चढ़ दी, चढ़्या साई कल में जाप” अर्थात् ईश्वर के नाम का जाप ही मुक्ति का मार्ग है 2025 में गुरु नानक जयंती 5 नवंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी, जो कार्तिक पूर्णिमा पर आधारित है। यह त्योहार अखंड पाठ, कीर्तन और लंगर के माध्यम से उनकी दिए हुए उपदेश एवं शिक्षाओं को याद करने का अवसर प्रदान करता है।

Guru Nanak Jayanti 2025: कब है गुरु नानक जयंती?

गुरु नानक गुरुपर्व (GURU NANAK JAYANTI), जिसे गुरु नानक प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है। सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण सिख गुरुओं में से एक और सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है इस वर्ष 2025 में सिक्खों का यह खास दिन, बाबा नानक जी की 556वीं जयंती 5 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। उनके जन्मदिन, जिन्हें गुरुपर्व के नाम से जाना जाता है, सिखों के बीच उत्सव और प्रार्थना का अवसर होते हैं। आईये आपको बताते हैं गुरु नानक जी के मुख्य उपदेश जिन्होंने लाखों लोगों को जीने की सही राह दिखाई..

गुरु नानक देव जी का जीवन एक क्रांति था, जिन्होंने अंधकार को प्रकाश से भर दिया। गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के मुख्य स्तंभ “सबना जीआ का इकु दाता, सो मैं विसर न जाई” इसका अर्थ है “ईश्वर एक है, उसे कभी न भूलें”

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Guru Nanak Jayanti: सिख धर्म का मूल मंत्र

“इक ओंकार सतिनाम करता पुरख निर्भउ निरवैर अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि”॥ जिसे श्री गुरु नानक जी द्वारा रचा गया है और यह सिख धर्म का सार, आधार और सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। हर सिख प्रार्थना (अरदास, कीर्तन यां पाठ) की शुरुआत इसी मंत्र से होती है। आईये यहाँ प्रस्तुत है इस मंत्र का हिंदी में अनुवाद एवं अर्थ:

हिंदी अनुवाद
इक ओंकार: एक ही निराकार ईश्वर है।
सतिनामु: उसका नाम सत्य है।
करता पुरखु: वह सृष्टिकर्ता और सर्वव्यापी पुरुष (शक्ति) है।
निर्भउ: वह निर्भय है।
निरवैरु: वह किसी से वैर नहीं रखता।
अकाल मूरति: उसकी मूर्ति (रूप) काल (मृत्यु) से परे है।
अजूनी: वह जन्म-मृत्यु के चक्र में नहीं आता।
सैभं: वह स्वयंभू (अपने आप से उत्पन्न) है।
गुर प्रसादि: गुरु की कृपा से (उसे) जाना जा सकता है।

इस मंत्र का अर्थ
“एक ही ईश्वर है, वह सत्य है, सृष्टिकर्ता है, निर्भय है, बिना वैर है, काल से परे है, जन्म-मृत्यु से मुक्त है, स्वयंभू है और गुरु की कृपा से प्राप्त होता है।”

Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव जी की प्रमुख शिक्षाएँ

  • इक ओंकार : “ईश्वर एक: रूप अनेक” अर्थात जगत का कर्ता ईश्वर एक ही है और वह सभी प्राणियों में मौजूद है। वह पूरी सृष्टि का पालनहार है।
  • नाम जपना: भगवान का नाम निरंतर जपना चाहिए फिर चाहे वह कीर्तन हो, जप हो या ध्यान का कोई अन्य माध्यम।
    किरत करना: जीवन जीने के लिए ईमानदारी और मेहनत से बढ़कर और कोई कमाई नहीं है इसलिए कभी भी छल कपट नहीं करना चाहिए।
  • वंड छको: अपनी मेहनत की कमाई में से ज़रूरतमंदों के साथ बांटकर खाना चाहिए, इससे आपको एक अलग ही ख़ुशी का अनुभव होगा।
  • सामाजिक समानता: बाबा नानक जी ने जाति, धर्म, और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का खंडन किया और सभी मनुष्यों को एक समान माना।
  • ईमानदारी और सेवा: हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और कभी भी किसी को दुखी मत करो और किसी की हाय मत लो। निस्वार्थ सेवा करो।
  • भय से मुक्ति: ईश्वर की भक्ति करने वाले को कभी किसी चीज़ का भय नहीं होता और वह निर्भय होता है।
  • सत्संगति: सच्चे और नेक लोगों की संगति करो, बुरी संगति से दूर रहो। सच्चे और नेक लोग आपको हमेशा ऊंचाइयों की और ले जाएंगे किन्तु बुरी संगति जीवन को बर्बाद कर देगी।
  • सकारात्मकता: हमेशा अच्छा सोचो और सब ईश्वर पर छोड़ दो क्यूंकि वो सृष्टि के रचइता हैं जो करते हैं अच्छे के लिए ही करते हैं इसलिए अच्छा सोचो और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
  • लोभ का त्याग: भोजन जीवन के लिए आवश्यक है किन्तु लोभ और लालच बुरी बाला हैं इसलिए इनसे दूर रहो।
  • सादा जीवन: सादगीभरा जीवन जियो, लालच और अहंकार से दूर रहो।

गुरु नानक जी ने सदैव सत्य, प्रेम, और सेवा पर जोर दिया और बताया कि ईश्वर किसी मंदिर-मस्जिद में मौजूद नहीं, बल्कि हर जीव में मौजूद है।

Disclaimer:- उपरोक्त लेख में उल्लेखित सभी जानकारियाँ प्रचलित मान्यताओं और धर्म ग्रंथों पर आधारित है। IBC24.in लेख में उल्लेखित किसी भी जानकारी की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है। हमारा उद्देश्य केवल सूचना पँहुचाना है।

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लेखक के बारे में

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