“मोदी का चेहरा पसंद नहीं तो मत देखिए उन्हे”…, JDU से केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सदन में क्यों कही ये बात? ..जानें

Wakf Amendment Bill: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। चर्चा की शुरुआत से ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जैसे यह बिल मुस्लिम विरोधी है

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 05:54 PM IST,
    Updated On - April 2, 2025 / 05:56 PM IST
HIGHLIGHTS
  • वक्फ एक तरह का ट्रस्ट, कोई धार्मिक संस्था नहीं
  • जेडीयू ने भी केंद्र सरकार के समर्थन में अपनी बात कही

नईदिल्ली। Wakf Amendment Bill, वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया है, जहां दोपहर 12 बजे से इस बिल पर चर्चा जारी है। कई पार्टियों ने इस बिल पर अपनी अपनी बात रखी है। वहीं जेडीयू ने भी केंद्र सरकार के समर्थन में अपनी बात कही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। चर्चा की शुरुआत से ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जैसे यह बिल मुस्लिम विरोधी है, लेकिन बिल मुस्लिम विरोधी बिल्कुल नहीं है।

ललन सिंह ने कहा कि वक्फ एक तरह का ट्रस्ट है जो मुसलमानों के हित में काम करने के लिए बनाया गया है। यह कोई धार्मिक संस्था नहीं है। ट्रस्ट को मुसलमानों के सभी वर्गों के साथ न्याय करने का अधिकार होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आज एक नैरेटिव बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को कोसा जा रहा है, अगर आपको मोदी जी का चेहरा पसंद नहीं हैं तो उनकी तरफ न देखें लेकिन उनके अच्छे काम की प्रशंसा करिए…”

Wakf Amendment Bill, वहीं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, “शिवसेना और मेरे नेता एकनाथ शिंदे की ओर से मैं इस विधेयक का पूर्ण समर्थन करता हूं। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। पहले अनुच्छेद 370, फिर ट्रिपल तलाक और CAA, और अब यह विधेयक गरीबों के कल्याण के लिए इस सदन में लाया गया है। उनका (UBT के अरविंद सावंत) भाषण सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। यह बहुत चौंकाने वाला था। मैं UBT से एक सवाल पूछना चाहता हूं, उन्हें अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए कि क्या वे आज बालासाहेब (ठाकरे) जीवित होते तो भी यही बोलते? आज यह स्पष्ट है कि UBT किसकी विचारधारा को अपना रही है और इस विधेयक का विरोध कर रही है। उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने, अपने इतिहास को फिर से लिखने और अपनी विचारधारा को जीवित रखने का एक सुनहरा अवसर था। लेकिन UBT ने पहले ही उनकी विचारधारा को कुचल दिया। अगर बालासाहेब आज यहां होते और UBT का असहमति नोट पढ़ते, तो उन्हें बहुत दुख होता”

इसके पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, “सरकार अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूति दिखा रही है, लेकिन उनकी डबल इंजन सरकार ने लोगों को सड़कों पर ईद की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी। सबसे पहले, उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोकसभा में उनके कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं…”