Mahadev Satta App Case: ‘भाईजान 50 भेजा हूँ…’, फिर भी 12 आरोपियों को मिल गई ज़मानत, महादेव सट्टा केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Mahadev Satta App Case: ‘भाईजान 50 भेजा हूँ...’, फिर भी 12 आरोपियों को मिल गई ज़मानत, महादेव सट्टा केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Mahadev Satta App Case: ‘भाईजान 50 भेजा हूँ…’, फिर भी 12 आरोपियों को मिल गई ज़मानत,  महादेव सट्टा केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Mahadev Satta App Case/Image Source: IBC24


Reported By: Tehseen Zaidi,
Modified Date: October 9, 2025 / 06:56 am IST
Published Date: October 9, 2025 6:56 am IST
HIGHLIGHTS
  • महादेव सट्टा केस: चार्जशीट में देरी,
  • सुप्रीम कोर्ट से 12 आरोपियों कोज़मानत,
  • CBI की जांच पर उठे सवाल,

रायपुर : Mahadev Satta App Case: छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को ज़मानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में जांच के लिए पूरा समय दिया गया, लेकिन सीबीआई अब तक चार्जशीट दाख़िल नहीं कर पाई है। जिन आरोपियों को ज़मानत दी गई है उनमें चंद्रभूषण वर्मा, भीम सिंह यादव, अर्जुन सिंह यादव (पुलिस), सतीश चंद्राकर, रितेश कुमार यादव, भारत ज्योति, विश्वजीत राय चौधरी, अमित कुमार अग्रवाल, राहुल वकटे, नीतीश दीवान, सुनील दम्मानी, किशन वर्मा और अतुल सिंह शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में चल रहे मामलों में यह संभवतः पहला मामला है जिसमें चार्जशीट पेश होने में देरी के कारण आरोपियों को ज़मानत का लाभ मिला है। हालाँकि सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकीलों ने तर्क दिया कि हाल ही में सीबीआई को चंद्रभूषण की एक चैट प्राप्त हुई है जिसमें लिखा है कि भाईजान, पचास भेजा हूँ। सीबीआई ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण चैट है, जिसकी जांच अभी जारी है और इसमें समय लगेगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवेचना के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है। सभी आरोपियों की ज़मानत पर दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस एम.एम. सुन्दरेश और सतीश चंद्र शर्मा ने सभी आरोपियों को सशर्त ज़मानत दे दी।

Mahadev Satta App Case: इस मामले में आरोपियों की ओर से सीनियर वकील सिद्धार्थ अग्रवाल, गौरव अग्रवाल और शशांक मिश्रा ने पैरवी की। हालाँकि महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की गिरफ्तारी के लिए सभी दस्तावेज़ तैयार हो जाने के बावजूद उन्हें दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत नहीं लाया जा सका है जो कहीं न कहीं जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर कई बड़े सवाल खड़े करता है।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।