Publish Date - September 25, 2025 / 09:17 AM IST,
Updated On - September 25, 2025 / 09:20 AM IST
Sonam Wangchuk/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल समाप्त की,
युवाओं से शांति की अपील
बोले – लद्दाख और देश को अस्थिर नहीं होने देंगे
लद्दाख: Sonam Wangchuk: लद्दाख में जारी तनाव और हिंसा के बीच पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। वांगचुक ने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि देश या लद्दाख अस्थिर हो। सोनम वांगचुक और उनके समर्थक 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे थे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर।
कौन हैं Sonam Wangchuk?
सोनम वांगचुक एक प्रख्यात शिक्षाविद, नवप्रवर्तक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के उले टोकपो गाँव में हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार उनका बचपन कठिनाइयों भरा रहा क्योंकि उनके गाँव में कोई स्कूल नहीं था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपनी मां से ही प्राप्त की। उन्होंने श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया और फिर फ्रांस के Craterre School of Architecture से Earthen Architecture में अध्ययन किया।
लद्दाख की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने SECMOL की स्थापना की जो आज एक प्रमुख शैक्षणिक संस्था मानी जाती है। वर्ष 1994 में उन्होंने Operation New Hope की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य लद्दाख के सरकारी स्कूलों की हालत सुधारना था। वांगचुक की प्रमुख मांग है कि लद्दाख को संवैधानिक संरक्षण दिया जाए ताकि वहां की पारिस्थितिकी, संस्कृति और जनसंख्या संरचना को सुरक्षित रखा जा सके। इसके तहत वह लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
"सोनम वांगचुक भूख हड़ताल" कब से और क्यों शुरू हुई थी?
10 सितंबर 2025 से सोनम वांगचुक और उनके समर्थक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे।
"सोनम वांगचुक कौन हैं"?
सोनम वांगचुक एक पर्यावरणविद्, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे SECMOL संस्था के संस्थापक हैं और लद्दाख की शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधारों के लिए जाने जाते हैं।
क्या "सोनम वांगचुक आंदोलन" अब समाप्त हो गया है?
उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त कर दी है, लेकिन उनकी मांगें अभी भी कायम हैं। उन्होंने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।
"लद्दाख छठी अनुसूची आंदोलन" का उद्देश्य क्या है?
इस आंदोलन का मकसद लद्दाख की पारिस्थितिकी, संस्कृति और जनसंख्या संरचना को सुरक्षित रखने के लिए संवैधानिक संरक्षण प्राप्त करना है।
क्या "लद्दाख को राज्य का दर्जा" देने की कोई संभावना है?
फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जनदबाव और आंदोलन को देखते हुए यह राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है।