next BJP national president, Image source: BJP X
नईदिल्ली: next BJP national president, भाजपा संगठन द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है। कार्यकाल पूरा होने के बाद भी केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा अभी भी भाजपा की कमान संभाले हुए हैं। भाजपा के संगठन चुनावों में कई राज्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हैं। इस दौरान लगभग आधा दर्जन राज्यों में पार्टी को कुछ नेताओं को लेकर मुखर विरोध का सामना भी करना पड़ा रहा है। साथ ही सामाजिक व राजनीतिक समीकरणों को लेकर काफी पसीना बहाना पड़ रहा है।
भाजपा पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है, जबकि पचास फीसदी यानी आधे राज्यों के चुनाव हो जाएं। भाजपा के संगठन के 38 प्रदेश हैं और अभी लगभग 10 राज्यों के चुनाव ही हो पाए हैं।
इधर कर्नाटक में भाजपा को संगठन चुनावों में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र को बरकरार रखने के लिए राज्य के नेताओं के एक समूह के मुखर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तमिलनाडु, केरल व पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को अब एक साल ही शेष है। ऐसे में वहां बदलाव किया जाए या नहीं और किया जाए तो किसे नेतृत्व दिया जाए, इस पर पार्टी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही है।
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वहीं मध्य प्रदेश की बात करें तो मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा को पांच वर्ष हो गए हैं। वहां राजपूत, ब्राह्मण के साथ दलित व आदिवासी नेताओं के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। भाजपा नेतृत्व अन्य राज्यों के अध्यक्षों के सामाजिक समीकरणों को देखकर फैसला लेगी, ऐसा माना जा रहा है।
वहीं उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पद छोड़ने की पेशकश कर दी थी। चूंकि, संगठन चुनाव होने थे, इसलिए बदलाव नहीं किया गया था। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद ही नए अध्यक्ष का फैसला हो पाएगा। वहीं नए अध्यक्ष के चुनाव में सामाजिक व क्षेत्रीय समीकरणों का हिसाब भी रखना है।
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इधर तेलंगाना और गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। दोनों राज्यों में अभी चुनाव नहीं हैं, ऐसे में वहां पर भविष्य की चुनौती व संभावनाओं को देखते हुए बदलाव किए जाएंगे। दोनों ही राज्यों में सामाजिक समीकरण काफी अहम हैं। हालांकि, पार्टी में कुछ नेता इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि एक व्यक्ति, एक पद को लेकर भाजपा अपने रुख में कुछ लचीलापन रखे और कुछ राज्यों को इसका अपवाद बनाकर रखा जाए। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इसके पक्ष में नहीं है।