RSS मुख्यालय क्यों पहुंचे पीएम मोदी, image source: ANI
नागपुर: PM Modi in RSS headquarters, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नागपुर दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का दौरा किया, जो उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार था। इस यात्रा को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले कुछ समय से खबरें आ रही थीं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आरएसएस के बीच रिश्तों में तनाव हो सकता है, लेकिन पीएम मोदी का यह दौरा इन अटकलों को समाप्त करने की दिशा में एक कदम प्रतीत हो रहा है।
पीएम मोदी ने इस दौरान आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और गुरु गोलवलकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्मृति मंदिर में जाकर आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, “स्मृति मंदिर आकर अभिभूत हूं। यह स्थान हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।”
नागपुर में पीएम मोदी का संघ के साथ जुड़ाव और पुरानी यादों को साझा करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ प्रचारक भैया जी जोशी के साथ मुलाकात भी हुई। इस अवसर पर उन्होंने संघ के साथ अपने पुराने अनुभवों को साझा किया और संघ के योगदान को सराहा।
#WATCH | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के शिलान्यास समारोह से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दूसरे सरसंघचालक एम.एस. गोलवलकर को पुष्पांजलि अर्पित की।
(सोर्स- ANI/DD) pic.twitter.com/0EjcjbYW1I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 30, 2025
PM Modi in RSS headquarters पीएम मोदी ने गुरु गोलवलकर की स्मृति में बनाए जा रहे माधव नेत्रालय के प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे और दोनों के बीच मंच पर 3-4 मिनट तक बातचीत हुई। मोहन भागवत ने कहा कि वे पीएम मोदी के विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हैं, और कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संघ के समाज सेवा और मानवता के योगदान का उल्लेख किया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संघ की 100 साल की गौरवशाली यात्रा को याद करते हुए कहा, “संघ भारत का एक विशाल वटवृक्ष है, जिसकी शाखाएं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सेवा कार्यों में संलग्न हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेवा का मतलब स्वयंसेवक ही होता है।
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इस दौरे को बीजेपी और आरएसएस के बीच रिश्तों को फिर से मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान के बाद, जिसमें उन्होंने पार्टी की स्वायत्तता की बात की थी, यह दौरा इन अटकलों पर विराम लगाने का संकेत देता है। पीएम मोदी और मोहन भागवत की मंच पर साझा की गई मुस्कान और बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि दोनों के बीच संबंध मजबूत हैं।
यह दौरा बीजेपी और आरएसएस के बीच संबंधों को नया आयाम देने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुद्दे पर भी नए संकेत दे सकता है।