Bastar Dussehra 2025: बस्तर दशहरा की पहली रस्म पूरी, हरियाली अमावस्या पर पाट जात्रा के साथ रथ निर्माण की शुरुआत, 75 दिन तक चलता है ये त्योहार

Bastar Dussehra 2025: बस्तर दशहरा की पहली रस्म पूरी, हरियाली अमावस्या पर पाट जात्रा के साथ रथ निर्माण की शुरुआत, 75 दिन तक चलता है ये त्योहार Jagdalpur News

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 12:12 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 12:12 PM IST

Bastar Dussehra 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • हरियाली अमावस्या पर पाट जात्रा,
  • विश्वविख्यात बस्तर दशहरे की शुरुआत,
  • 75 दिवसीय पर्व का पहला चरण सम्पन्न,

जगदलपुर: Jagdalpur News: हरियाली अमावस्या के साथ ही बस्तर में विश्व विख्यात दशहरे पर्व की शुरुआत हो गई है। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण में गुरुवार विधि विधान से पूजा अर्चना कर पाट जात्रा रस्म पुरी की गई।

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Bastar Dussehra 2025: इस रश्म में बस्तर दशहरे के लिए तैयार किए जाने वाले रथ निर्माण की पहली लकड़ी की पूजा की जाती है। नियम यह है की हरियाली अमावस्या के दिन इस लकड़ी की विशेष परंपरा अनुसार पूजा की जाती है जिसमें समाज के प्रमुख एवं रथ के कारीगर इस पूजा विधान को संपन्न करते हैं। विशेष जगह से चिन्हित कर यह पहले लकड़ी मंगाई जाती है। परंपरा अनुसार हर दशहरे पर्व पर बिलोरी ग्राम से लकड़ी का चयन कर लाया जाता है। हरियाली अमावस्या के पूजा संस्कार के बाद 5 सितंबर को इस लकड़ी को बाहर निकाल कर फिर पूजा विधान किया जाता है। और इसके बाद बस्तर दशहरे की शुरुआत होती है।

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Bastar Dussehra 2025: 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व की यह पहली रस्म है। जिसके साथ ही दशहरे की तैयारी गांव में शुरू कर दी जाती हैं। ऐतिहासिक तौर पर दशहरे पर्व से जुड़े विभिन्न समाज के प्रतिनिधि आज भी इस पर्व की तैयारी कई महीनो तक करते हैं। यही वजह है कि विभिन्न समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रस्ममें दशहरे पर्व में दिखाई देती हैं और यहां पर वह 75 दिनों तक चलता है।

बस्तर दशहरा कब से शुरू होता है?

बस्तर दशहरा की शुरुआत हर साल हरियाली अमावस्या के दिन से होती है। इस दिन पाट जात्रा रस्म के तहत रथ निर्माण की पहली लकड़ी की पूजा होती है।

बस्तर दशहरा कितने दिनों तक मनाया जाता है?

बस्तर दशहरा एक अनूठा त्योहार है जो लगभग 75 दिनों तक चलता है। यह भारत का सबसे लंबा चलने वाला उत्सव माना जाता है।

बस्तर दशहरा में कौन-कौन सी रस्में होती हैं?

बस्तर दशहरा में पाट जात्रा, रथ यात्रा, मावली परघाव, काछिन गादी, मुरिया दरबार, और जोगी बिठाई जैसी कई पारंपरिक रस्में होती हैं।

बस्तर दशहरा की शुरुआत कैसे होती है?

बस्तर दशहरा की शुरुआत रथ निर्माण के लिए पहली लकड़ी की पूजा से होती है, जिसे 'पाट जात्रा' कहा जाता है। यह लकड़ी बिलोरी गांव से लाई जाती है।

बस्तर दशहरा किस देवी से जुड़ा हुआ पर्व है?

यह पर्व मां दंतेश्वरी देवी को समर्पित होता है जो बस्तर की आराध्य देवी मानी जाती हैं।