Bastar Dussehra 2025/Image Source: IBC24
जगदलपुर: Jagdalpur News: हरियाली अमावस्या के साथ ही बस्तर में विश्व विख्यात दशहरे पर्व की शुरुआत हो गई है। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण में गुरुवार विधि विधान से पूजा अर्चना कर पाट जात्रा रस्म पुरी की गई।
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Bastar Dussehra 2025: इस रश्म में बस्तर दशहरे के लिए तैयार किए जाने वाले रथ निर्माण की पहली लकड़ी की पूजा की जाती है। नियम यह है की हरियाली अमावस्या के दिन इस लकड़ी की विशेष परंपरा अनुसार पूजा की जाती है जिसमें समाज के प्रमुख एवं रथ के कारीगर इस पूजा विधान को संपन्न करते हैं। विशेष जगह से चिन्हित कर यह पहले लकड़ी मंगाई जाती है। परंपरा अनुसार हर दशहरे पर्व पर बिलोरी ग्राम से लकड़ी का चयन कर लाया जाता है। हरियाली अमावस्या के पूजा संस्कार के बाद 5 सितंबर को इस लकड़ी को बाहर निकाल कर फिर पूजा विधान किया जाता है। और इसके बाद बस्तर दशहरे की शुरुआत होती है।
Bastar Dussehra 2025: 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व की यह पहली रस्म है। जिसके साथ ही दशहरे की तैयारी गांव में शुरू कर दी जाती हैं। ऐतिहासिक तौर पर दशहरे पर्व से जुड़े विभिन्न समाज के प्रतिनिधि आज भी इस पर्व की तैयारी कई महीनो तक करते हैं। यही वजह है कि विभिन्न समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रस्ममें दशहरे पर्व में दिखाई देती हैं और यहां पर वह 75 दिनों तक चलता है।