नई दिल्ली: इस साल देशभर में आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव होने हैं। देशभर के मतदाता एक बार फिर से अपने सांसद का चुनाव करेंगे जो उनके नए प्रधानमंत्री का चयन करेंगे। पिछले आम चुनाव 2019 में सम्पन्न हुआ था जिसमे भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की थी और अपने पूर्ण बहुमत को बनाये रखा था। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 353 सीटें जीतीं थी। भाजपा ने 37.36% वोट हासिल किए थे, जबकि एनडीए का संयुक्त वोट शेयर 60.37 करोड़ वोटों का 45% था।
बात मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की करें तो उन्होंने महज 52 सीटों पर दर्ज की थी। वहीं, कई राज्यों जैसे दिल्ली, हिमाचल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मुंबई सहित कई राज्यों में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। हालाँकि इस बार हालात बदल चुके हैं। कांग्रेस और दुसरे क्षेत्रीय दल इण्डिया गठबंधन के तौर पर चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं जबकि भाजपा का एनडीए गठबंधन पहले की तरह ही बरकरार हैं।
लेकिन आज हम पिछले नतीजों की नहीं बल्कि इस साल होने वाले चुनाव इससे पहले लागू होने वाले आदर्श आचार संहिता की बात कर रहे हैं। सभी को मालूम हैं कि इस साल देशभर में आम चुनाव होने वाले हैं लेकिन इस चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन कब आदर्श आचार संहिता लागू करेगी यह साफ़ नहीं हैं।
बात पिछले चुनाव की करें तो पिछले साल 11 मार्च को चुनावी कार्यक्रम जारी हुआ था। यानी इस दिन ही देशभर में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गया था। 2019 में सात अलग-अलग चरणों में चुनाव संपन्न हुआ था। सभी मतदान 11 अप्रैल से 19 मई के बीच संपन्न हुए थे। कार्यक्रम में पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल, दुसरे चरण का 18 अप्रैल, तीसरे का 23 अप्रैल, फिर 29 अप्रैल, 06 मई, 12 मई जबकि अंतिम सातवें चरण का मतदान 19 मई 2019 संपन्न हुआ था। 23 मई 2019 को मतगणना के साथ परिणाम जारी हुए थे।
इस तरह देखा जाएँ तो सम्भावना जताई जा रही हैं कि इस बार भी मार्च के पहले पखवाड़े में ही चुनाव आयोग आम चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती हैं। जबकि मई महीने के मध्य में मतगणना के साथ ही चुनाव संपन्न हो सकते हैं। संभावना यह भी हैं कि पिछली बार की तरह ही इस बार भी चुनाव विभिन्न चरणों में कराये जायेंगे। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय देश का मुख्य चुनाव आयोग ही लगा।
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। यह आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के पूरी हो जाने तक लागू रहती है।बता दें कि चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता जिस जगह चुनाव होना है उधर लगाई जाती है जोकि वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
देश में जब भी चुनाव का दौर आता है तब चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से ही मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी आचार संहिता लागू हो जाती है आचार संहिता लागू हो जाती है और इलेक्शन प्रक्रिया के खत्म होने तक लागू रहती है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दलों और उम्मीदवारों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग न हो।
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