Bageshwar Dham Vivah Sammelan: बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का विवाह.. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई बड़ी हस्तियां मौजूद, सीएम ने की कार्यक्रम की सराहना

Bageshwar Dham Vivah Sammelan: मध्यप्रदेश के जिला छतरपुर बागेश्वर धाम में आज सामूहिक विवाह समेम्मलन का आयोजन किया गया है।

Bageshwar Dham Vivah Sammelan: बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का विवाह.. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई बड़ी हस्तियां मौजूद, सीएम ने की कार्यक्रम की सराहना

Bageshwar Dham Vivah Sammelan | Source : IBC24

Modified Date: February 26, 2025 / 01:26 pm IST
Published Date: February 26, 2025 1:18 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बागेश्वर धाम में आज सामूहिक विवाह समेम्मलन का आयोजन किया गया है।
  • हर साल बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
  • नवविवाहित जोड़ों को ढाई लाख रुपये कीमत के उपहार दिए गए।

छतरपुर। Bageshwar Dham Vivah Sammelan: मध्यप्रदेश के जिला छतरपुर बागेश्वर धाम में आज सामूहिक विवाह समेम्मलन का आयोजन किया गया है। जहां 251 जोड़ों को विवाह किया जा रहा है। हर साल बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। आज आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा एवं कई साधु संतों की मौजूदगी है। गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में लोगों की भीड़ इतनी उमड़ी है कि पैर रखने की जगह नहीं है। दूर-दूर से लोग यहां महाशिवरात्रि पर होने वाले बड़े आयोजन के लिए आए हैं।

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नवविवाहित जोड़ों को ढाई लाख रुपये कीमत के उपहार दिए गए। अमानगंज शिष्यमंडल के प्रभारी कुम्मी लखेरा ने बताया कि दूल्हे के लिए शेरवानी और दुल्हन के लिए लहंगा पहले ही दे दिया गया था। इसके अलावा, प्रत्येक जोड़े को टोकन नंबर दिए गए थे, जिनके आधार पर उन्हें विदाई के समय उपहार दिए गए। उपहार वितरण की व्यवस्था अमानगंज, अजयगढ़ और मगरोन शिष्यमंडल की 130 लोगों की टीम ने संभाली।

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सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, आज बागेश्वर धाम नया कीर्तिमान बना रहा है। आपने जातिगत संघर्ष को तोड़ने का काम किया है। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। 251 घोड़े कहां-कहां से लाए महाराज गजब कर दिया आपने। आज आपने अश्वमेघ के घोड़े के समान दिग्विजय घोड़े के समान ये घोड़े लाए हैं, जिन्होंने समाज की असमानता को तोड़ दिया। शासन, सत्ता और संत की त्रिवेणी की मौजूदगी में ये विवाह का काम किया। जातियों की दीवारें टूटें और सद्भावना बने ये काम किया है मप्र सरकार की ओर से 51 हजार रुपए देने की भावना है, इसलिए सरकार की योजना का लाभ यहां आए जोड़ों को मिलेगा।

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, जिस दिन हमने अपनी बहन का विवाह जैसे-तैसे लोगों से उधार लेकर किया उसी दिन ठान लिया था कि आज हमें बहन के विवाह में इतना निराश होना पड़ रहा है, भगवान ने हमें सामर्थ्यवान बनाया तो भारत में बेटियों के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, भारत के मंदिरों की पेटियों को बेटियों के लिए खोल दिया जाना चाहिए। आज बेटियों की विदाई है तो हम भावुक हैं। ज्यादा बोल नहीं पाते हैं। बेटियों घर जाना तो मुस्कुराते हुए कहना हमारे विवाह में राष्ट्रपति महोदया आई थीं।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- बेटियों को बोझ मत मानो

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, जिस दिन हमने अपनी बहन का विवाह जैसे-तैसे लोगों से उधार लेकर किया उसी दिन ठान लिया था कि आज हमें बहन के विवाह में इतना निराश होना पड़ रहा है, भगवान ने हमें सामर्थ्यवान बनाया तो भारत में बेटियों के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा। बेटियों को बोझ मत मानो, बेटियां, बेटों से कम है क्या? बेटियों कम होती तो हमारी बेटियां बड़े-बड़े शिखर पर नहीं पहुंचतीं।

धीरेंद्र शास्त्री बोले- बेटियां गर्व से ससुराल में रहेंगी

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, देश में कोई छोटा-बड़ा नहीं है। सभी बराबर हैं। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए यह उत्सव हर वर्ष किया जाता है। मंदिरों की दानपेटियों को बेटियों की शादियों के लिए खोल दिया जाएगा तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। बेटियां जब यहां से ब्याह कर जाएंगी तो गर्व से कहेंगी कि बालाजी हमारे पिता हैं और राष्ट्रपति के आशीर्वाद से शादी कर आए हैं।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years