दर दर की ठोकर खाकर परिवार तलाशता रहा एम्बुलेंस, 2 साल के मासूम भाई की लाश लेकर बैठा रहा 8 साल का भाई

Innocent sitting with the body of younger brother: एंबुलेंस की जद्दोजहद में लगा रहा पिता, 2 साल के मासूम के शव को लेकर बैठा रहा 8 साल का भाई

दर दर की ठोकर खाकर परिवार तलाशता रहा एम्बुलेंस, 2 साल के मासूम भाई की लाश लेकर बैठा रहा 8 साल का भाई

Innocent sitting with the body of younger brother

Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: July 11, 2022 10:15 am IST

Innocent sitting with the body of younger brother: मुरैना। मुरैना की ये तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। यहां इस नन्ही सी गोद ने बड़ा भारी वजन उठा रखा है। दरअसल  एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमेंएक गरीब पिता अपने मासूम के शव को घर लेजाने के लिए सस्ते दाम में वाहन ढ़ूंढता रहा है। तो वहीं 8 साल का मासूम अपने 2 साल के भाई का शव गोद में लेकर बैठा है। गौरतलब है कि मासूम का बॉडी को ले जाने के लिए जब मुरैना में एंबुलेंस नहीं मिली तो पिता वाहन के लिए घंटो भटकता रहा। ऐसे में जिला अस्पताल से शव ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो तुरंत एंबुलेंस का इंतजाम भी हो गया और बॉडी को ले जाया गया।

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बीमारी के चलते तोड़ा दम

Innocent sitting with the body of younger brother: मामला मुरैना के अंबाह तहसील के बड़फरा गांव का है। यहां 2 साल का मासूम जोकि गंभीर बीमारी एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित था। वहीं, मासूम ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एक पिता 2 साल के बेटे को एंबुलेंस के जरिए अंबाह अस्पताल से रेफर कराकर मुरैना के जिला अस्पताल लाया था। यहां लाने के बाद एंबुलेंस वापस चली गई। मासूम के दम तोड़ने के बाद पिता अपने लाड़ले का शव घर तक ले जाने को मजबूर था। मासूम की मौत के बाद उसके गरीब पिता ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से बच्चे के शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही। तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि “शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है, किराए की गाड़ी से शव ले जाओ।

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शव को ले जाने गाड़ी की तलाश

Innocent sitting with the body of younger brother: अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने एक तो किसी ने डेढ़ हजार रुपए मांगे, लेकिन पिता के पास इतने पैसे नहीं थी, इसलिए वह अपने बेटे के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गया। साथ में आठ साल का बडा बेटा भी था। जब अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला तो पिता ने अपने 8 साल का बेटे को नेहरू पार्क के सामने, सड़क किनारे बने नाले के पास बैठाकर सस्ते वाहन तलाशने चला गया। तभी भीड़ जमा हो गई। उसी दौरान कोतवाली थाना प्रभारी वहां से निकल रहे थे। उन्होंने घटना की जानकारी ली और एंबुलेंस की व्यवस्था कर शव को घर भिजवाया।

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लापरवाही पर 4 डॉ. को नोटिस

Innocent sitting with the body of younger brother: अपने दो साल के बेटे के शव को ले जाने एंबुलेंस नहीं मिलने पर कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. विनोद गुप्ता, अंबाह बीएमओ डॉ. डीएस यादव, ड्यूटी डॉक्टर नरेश गंगिल, अंबाह के डॉ. सतीश यादव को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। कलेक्टर ने 10 हजार रुपए की सहायता पीड़ित परिजन को दिलाई है। 2 साल के मासूम की लाश को घर तक ले जाने के लिए बाप बाहर एंबुलेंस की जद्दोजहद में उलझा है तो 8 साल का भाई गोद में लाश लिए मक्खियां उड़ा रहा है। जिम्मेदारों को अगर हकीकत नज़र नहीं आती तो समझ लीजिए इससे भी बुरा दौर आगे देखना पड़ेगा।

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