Are political parties really concerned about women's respect or a stunt?

नारी सम्मान पर छिड़ी जंग! सियासी दलों को वाकई नारी सम्मान की चिंता है या महज सियासी स्टंट है?

सियासी दलों को वाकई नारी सम्मान की चिंता है या महज सियासी स्टंट है?! Are political parties really concerned about women's respect?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : October 23, 2021/2:51 am IST

Are political parties really concerned about women’s respect

भोपालः मध्यप्रदेश में 3 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार जोरों पर हैं। वोटिंग में अब महज एक हफ्ते का समय बचा है, लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। महंगाई, भ्रष्टाचार और रोजगार जैसे चुनावी मुद्दे पर शिवराज सरकार के 15 साल और कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कामकाज पर आरोप-प्रत्यारोप तेज है। इसी बीच चुनावी मैदान में नारी सम्मान के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस नेता आमने-सामने हैं। अब सवाल है कि सियासी दलों को वाकई नारी सम्मान की चिंता है या महज सियासी स्टंट है?

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मध्यप्रदेश की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव की महाभारत में भी महिला अपमान का मुद्दा गूंजता नजर आ रहा है। इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इसे सियासी हथियार बनाया है। रैगांव में सीएम शिवराज सिंह की जनसभा में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह की तथाकथित हरकतें चर्चा का विषय बनी हुई है। एक वीडियो में वे बीजेपी प्रत्याशी प्रतिमा बागरी के बालों से चश्मा निकालते दिख रहे हैं। कांग्रेस के नेता इस चुनाव में इसे महिला अस्मिता से जोड़ दिया है। इस वायरल वीडियो पर पूरी बीजेपी को सफाई देनी पड़ी, लेकिन खंडवा में एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के हेमा मालनी और स्मृति ईरानी को लेकर दिए बयान पर बीजेपी नेताओं को भी कांग्रेस पर हमला करने का मौका दिया। बीजेपी ने इस मामले में चुनाव आयोग में कांग्रेस नेता अरुण यादव की शिकायत की है, तो वहीं कांग्रेस के नेता अरुण यादव के बयान का बचाव करते हुए भी नजर आ रहे है।

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चुनाव कैसा भी हो नेताओं के जुबानी हमले और डायलॉग हमेशा से जनता को खूब लुभाते रहे हैं, लेकिन प्रदेश में होने वाले उपुचनाव में महिलाओं को लेकर नेताओं के ऐसे बयान कहीं पार्टी के लिए आत्मघाती न साबित हो जाए।

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