Balaghat Village Road: 13 years of waiting... neither the leader

Balaghat Village Road: 13 साल इंतज़ार… ना नेता आए, ना सड़क बनी… तो खुद उठाई कुदाल! ग्रामीणों ने 4 दिन में बना दी सड़क, अब उसी नेता से कराएंगे उद्घाटन

13 साल इंतज़ार... ना नेता आए, ना सड़क बनी... तो खुद उठाई कुदाल! ग्रामीणों ने 4 दिन में बना दी सड़क...Balaghat Village Road: 13 years

Edited By :   |  

Reported By: Hiten Chauhan

Modified Date: June 11, 2025 / 03:53 PM IST
,
Published Date: June 11, 2025 3:53 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बालाघाट- खैरलांजी के ग्रामीणों का 13 साल की अनदेखी,
  • अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने खुद बनाई सड़क,
  • सड़क बनाकर ग्रामीणों ने नेताओं को दिखाया आईना,

बालाघाट: Balaghat Village Road: जिले के दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्र खैरलांजी गांव की यह कहानी उन सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए आईना है जो चुनावों के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। 13 वर्षों तक गुहार लगाने के बाद, जब न सरकार ने सुना और न ही सिस्टम ने कोई पहल की तो ग्रामीणों ने खुद ही अपने श्रम से सड़क बना दी। अब गांववाले कह रहे हैं कि उसी विधायक से इसका उद्घाटन करवाएंगे जिसने केवल आश्वासन ही दिया था।

Read More : Corona News: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के बाद जबलपुर में भी कोरोना के नए वैरिएंट की एंट्री, 80 वर्षीय बुजुर्ग पॉज़िटिव, स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर

Balaghat Village Road: यह तस्वीरें बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड अंतर्गत आने वाले खैरलांजी गांव की हैं, जहां वर्षों से पक्की सड़क की मांग की जा रही थी। ग्राम पंचायत आम्बेझरी के इस इलाके को तीन ओर से जंगल और एक ओर से पानी ने घेरा हुआ है। करीब 120 घरों की इस बस्ती तक न कोई पक्की सड़क थी न ही कोई सरकारी सुविधा। टाइगर मूवमेंट वाले इस क्षेत्र में बरसात के दिनों में रास्ते पूरी तरह से कट जाते थे। यहां तक कि एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती थी।

Read More : Mainpat Double Murder: पत्नी का गैर मर्द से अफेयर नहीं देखा गया… शक में पति ने टंगिया से बीवी और बच्चे को काट डाला, डबल मर्डर से मचा हड़कंप

Balaghat Village Road: जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और प्रशासन की उदासीनता से त्रस्त ग्रामीणों ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं सभी ने मिलकर श्रमदान किया और उसी दुर्गम रास्ते पर सड़क बनाई जहाँ आज तक सरकार पहुँचने की हिम्मत नहीं कर सकी। ग्रामीण दिलीप कुमार का कहना है की हम सालों से चक्कर लगा रहे थे सरपंच, विधायक, सांसद सबके पास गए लेकिन मिला क्या? सिर्फ झूठे वादे। फिर सोचा अब खुद ही कुछ करना पड़ेगा। चार दिन में गांववालों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया मेहनत की और सड़क बना दी।

Read More : Congress MLA Baleshwar Sahu: कांग्रेस विधायक पर मारपीट और गोली मारने की धमकी का आरोप, पड़ोसी के रिश्तेदार ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

Balaghat Village Road: वहीं ग्रामीण सुरेंद्र भलावी ने बताया की दिसंबर 2024 में गांव में बाघ के हमले से एक व्यक्ति की मौत हुई थी। तब विधायक गौरव सिंह पारधी आए थे और बोले थे कि एक महीने में पक्की सड़क बनवाएंगे। लेकिन छह महीने बीत गए ना सड़क बनी ना वे लौटे। अब जो सड़क हमने बनाई है उसी का उद्घाटन उनसे ही करवाएंगे। गांव की महिलाओं ने कहा की हम महिलाओं ने भी पत्थर उठाए मिट्टी डाली, मेहनत की अपने बच्चों के लिए सुरक्षित रास्ता चाहिए था। अब अगर विधायक आएंगे तो उन्हें हमारी मेहनत को देखना ही पड़ेगा।

Read More: Student Khoman Lal Sahu: छत्तीसगढ़ के किसान के बेटे ने किया अद्भुत अविष्कार… अब छोटे से गांव से सीधे जापान तक, इंटरनेशनल साइंस प्रोग्राम 2025 के लिए हुआ चयन

Balaghat Village Road: ग्रामीणों द्वारा बनाई गई यह सड़क केवल एक रास्ता नहीं बल्कि सरकार, सिस्टम, नेताओं और उनके खोखले चुनावी वादों पर एक बड़ा सवाल है। खैरलांजी की इस मिट्टी की सड़क पर जब कभी कोई नेता कदम रखेगा तो शायद उसे यह एहसास हो कि विकास केवल घोषणाओं से नहीं, ज़मीनी प्रयासों से होता है। जहाँ योजनाएं केवल कागज़ों में बनती हैं वहाँ खैरलांजी के ग्रामीणों ने साबित कर दिया कि जागरूक जनता बड़े से बड़ा बदलाव ला सकती है।

"खैरलांजी गांव सड़क निर्माण" किसने किया?

खैरलांजी गांव की सड़क ग्रामीणों ने खुद श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर बनायी है, किसी सरकारी योजना के अंतर्गत नहीं।

क्या "खैरलांजी गांव सड़क निर्माण" में सरकार की कोई मदद मिली?

नहीं, सरकार या किसी भी जनप्रतिनिधि से कोई मदद नहीं मिली। यह सड़क पूरी तरह से ग्रामीणों की पहल है।

"खैरलांजी गांव सड़क निर्माण" की शुरुआत क्यों हुई?

सरकार द्वारा 13 वर्षों तक सड़क नहीं बनाए जाने और क्षेत्र की खराब हालत के चलते ग्रामीणों ने यह कदम उठाया।

क्या "खैरलांजी गांव सड़क निर्माण" का उद्घाटन किया गया है?

अभी नहीं, लेकिन ग्रामीण उसी विधायक से उद्घाटन करवाने की योजना बना रहे हैं जिन्होंने वादा करके वापस नहीं लौटे।

"खैरलांजी गांव सड़क निर्माण" से क्या संदेश मिलता है?

यह एक उदाहरण है कि जागरूक और संगठित जनता खुद अपनी समस्याओं का हल निकाल सकती है, जब सिस्टम विफल हो जाए।