भोपाल: यदि आप सांची का दूध पी रहे हैं, तो जरा सावधान हो जाइए। कहीं आप मिलावटी दूध तो नहीं पी रहे हैं। हमारा काम सनसनी फैलाना नहीं, जनता को जागरुक करना है। एक ऐसा ही मामला इन दिनों भोपाल में उजागर हुआ है।
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इस बात का जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अधिकारियों को जो शिकायत मिली है उसमें मिलावट की भी बात सामने आ रही है। भोपाल दुग्ध संघ के टैंकर चालकों और अफसरों की मिलीभगत से लोगों की सेहत से खिलवाड़ के आरोप लग रहे हैं। जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ कर दूग्ध माफिया 50 लाख तक कमा रहे हैं। ये बात उस वक्त सामने आई जब विदिशा के रहने वाले प्रकाश राजपूत ने रिश्वतखोरी की शिकायत लोकायुक्त से की थी।
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टैंकर चालक प्रकाश की शिकायत के बाद 30 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने आशीष पटेल और नानू के खिलाफ केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने टीआई वीके सिंह को बताया कि लंबी दूरी की ड्यूटी के लिए अफसर 15 से 20 हजार रुपए रिश्वत हर महीने लेते हैं। यह रकम टैंकर चालक नानू के माध्यम से गैरेज मैनेजर आशीष पटेल वसूलता है। टैंकर चालक प्रकाश ने बताया कि बिना जांच के वैसे तो कोई टैंकर को एंट्री नहीं मिलती। लेकिन मिलावटी दूध के टैंकर आसानी से दुग्ध संघ में प्रवेश कर जाते हैं। साफ है इस घोटाले में संघ के कर्मचारियों और अफसरों की भी मिलीभगत सामने आ रही है।
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जांच-पड़ताल में सामने आया कि ड्राइवर जब कोल्ड स्टोरेज से दूध लेकर वापस चलता है तो वह रास्ते में 200 से 250 लीटर दूध चोरी करता है। दूध की पूर्ति करने के लिए उसमें पानी या यूरिया मिला दिया जाता है, तो वहीं रास्ते में ड्राइवर टैंकर से डीजल चोरी कर बेच देते हैं। फिर ये पैसा अधिकारियों को पहुंचाया जाता है।
भोपाल दुग्ध संघ में यह नया मामला नहीं है। करीब दो साल पहले भी क्राइम ब्रांच ने एक टैंकर पकड़ा था, जिससे दूध चोरी कर उसमें यूरिया मिलाकर लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। एक बार फिर इसी तरह की घटना कई सवाल खड़े कर रही है।