सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत, पहली डिलीवरी में पैदा हुए जुड़वा बच्चे तो मिलेंगे 2 इन्क्रीमेंट, प्रदेश सरकार ने जारी किया आदेश
सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत, पहली डिलीवरी में पैदा हुए जुड़वा बच्चे तो मिलेंगे 2 इन्क्रीमेंट! Govt Will Give Double increment
भोपाल: Govt Will Give Double increment मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है, जिसके चलते सियासी गलियारों घमासान मचा हुआ है। जहां एक ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए हर वर्ग को साधने की कोशिश में लगी हुई है। इसी कड़ी में शिवराज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरा फैसला लिया है। इस संबंध में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है।
Govt Will Give Double increment दरअसल शिवराज सरकार ने दो से अधिक बच्चे वाले सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए आदेश जारी किया है कि अब पहली डिलीवरी में जुड़वा बच्चा पैदा होने पर उसे एक बच्चा माना जाएगा। यानि अब जुड़वा बच्चा पैदा होने की स्थिति में तीन बच्चे वाले भी नौकरी में बने रहेंगे। वहीं, सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पहली डिलीवरी में जुड़वा बच्चा पैदा होने पर सरकारी कर्मचारियों को दो इन्क्रीमेंट दिया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अगर पहले बच्चे के बाद किसी भी सरकारी कर्मचारी पति या पत्नी नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें भी दो इन्क्रीमेंट का फायदा दिया जाएगा। बता दें कि देश के 10 राज्य ऐसे हैं जहां पहली डिलीवरी में जुड़वा बच्चे पैदा होने पर सिंगल चाइल्ड माना जाता है।
‘हम दो हमारे दो’ का नारा
गौरतलब है कि सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 1980 के दशक में ‘हम दो हमारे दो’ का नारा लागू किया। इसका पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ दिया गया। 1996-97 में इसे सिंगल चाइल्ड कर दिया गया। तब एक बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने वालों को दो इन्क्रीमेंट का फायदा दिया जाने लगा था, लेकिन पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे हुए तो सिंगल चाइल्ड मानते हुए लाभ नहीं मिलता था। अब इसमें संशोधन किया गया है। अब यदि पहले जुड़वां बच्चे होने के बाद शासकीय सेवक या उनकी पत्नी नसबंदी करवा लेती हैं तो उसे सिंगल चाइल्ड ही माना जायेगा और दो इंक्रीमेंट दिए जाएंगे।
तीसरा बच्चा पैदा होने पर शिक्षिका बर्खास्त
बता दें कि कुछ समय पहले ही आगर-मालवा जिले में एक शिक्षिका को तीसरा बच्चा पैदा होने पर नौकरी से निकाल दिया गया था। बताया गया कि बड़ोद की निवासी रहमत बानो आगर मालवा के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में केमस्ट्री की शिक्षिका थी। रहमत बानो साल 2003 में संविदा वर्ग 2 में नौकरी कर रही थी। रहमत ने बताया कि साल 2000 में बेटी रहनुमा, 2006 में दूसरा बेटा मुशाहिद और 2009 में तीसरा बेटा मो मुशर्रफ पैदा हुआ था। पति सईद अहमद बड़ोद में उर्दू मदरसे में काम करते है।
शिक्षिका ने बताया कि तीन बच्चों और घर की जिम्मेदारी मुझ पर थी, लेकिन अब बच्चों का भविष्य कैसे बनाउंगी ये भी नहीं पता है। जारी हुए आदेश में लिखा गया था कि रहमत बानो मंसूरी के द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार ने दिनांक 10 मार्च 2000 को प्रकाशित मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम-1961 के नियम-6 में संशोधित प्रावधान का पालन नहीं किए जाने पर उन्हें मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम-1966 के नियम-10(9) के तहत सेवा से दण्डित किया जाता है।



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