Bhopal Advocate Suicide: राजधानी में ‘आतंकी फंडिंग’ की धमकी! अधिवक्ता ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में किया ये चौंकाने वाला खुलासा
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
Bhopal advocate suicide/ image source: IBC24
- साइबर ठगों की झूठी ‘आतंकी फंडिंग’ धमकी से घबराए वकील ने की आत्महत्या !
- घर में फांसी लगाकर की आत्महत्या
- पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
Bhopal Advocate Suicide: भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बरखेड़ी इलाके के 62 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकुमार वर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से उनका सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के पीछे की वजह स्पष्ट रूप से बताई है।
झूठी ‘आतंकी फंडिंग’ धमकी से घबराकर उठाया कदम
सुसाइड नोट में शिवकुमार वर्मा ने लिखा है कि कुछ साइबर ठगों ने उनके नाम को पहलगाम हमले के आतंकियों की फंडिंग से जोड़ने का झूठा आरोप लगाया। इस झूठी और अपमानजनक धमकी ने उन्हें मानसिक रूप से इतना तोड़ दिया कि उन्होंने जीवन समाप्त करने का निर्णय लिया। अधिवक्ता ने यह भी लिखा कि देशद्रोही कहलाने का डर उन्हें अंदर तक तोड़ गया।
पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
Bhopal Advocate Suicide: जानकारी के अनुसार, शिवकुमार वर्मा बरखेड़ी इलाके में रहते थे। उनका बेटा पुणे में नौकरी करता है, जबकि पत्नी और बेटी दिल्ली में इलाज के लिए गई हुई थीं। घटना के समय घर खाली था, जिससे उन्होंने यह अंतिम कदम उठाया। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट और शव को कब्जे में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है।
मैं अपनी इच्छा से जान दे रहा हूं- शिवकुमार
Bhopal Advocate Suicide: सुसाइड नोट में शिवकुमार वर्मा ने स्पष्ट रूप से लिखा, “मैं अपनी इच्छा से जान दे रहा हूं। किसी ने मेरा नाम पहलगाम हमले के आतंकियों को फंडिंग से जोड़ दिया है।” उन्होंने अपनी सामाजिक और पेशेवर जिम्मेदारियों का भी जिक्र किया, जैसे कि गैस त्रासदी में सेवा देना और न्याय के लिए अपने पेशेवर जीवन में योगदान देना। इसके बावजूद झूठे आरोप और धमकियों ने उनके मनोबल को तोड़ दिया।
जहांगीराबाद थाना क्षेत्र का मामला
Bhopal Advocate Suicide: जहांगीराबाद थाना पुलिस ने बताया कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारी मामले की जांच में लगे हुए हैं और साइबर नेटवर्क तथा IP एड्रेस की तकनीकी जाँच कर रहे हैं, ताकि दोषियों तक पहुँच बनाई जा सके। पुलिस ने स्थानीय लोगों और अधिवक्ताओं से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध साइबर धमकी या फर्जी आरोप की सूचना तुरंत दें।

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