भोपाल: देश में एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं तो दूसरी तरफ सियासत ने एक नया रुख भी अख्तियार आकर लिया हैं। फिलहाल देश के भीतर पक्ष और विपक्ष के बीच जो सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है वह हैं इलेक्टोरल बॉन्ड का। (BJP ko Kitna Donation mila) जी हाँ, बैंको की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई जानकारी का हवाला देकर कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा पर तीखे तंज कस रही हैं, हमले कर रही हैं। कांग्रेस इन बॉन्ड्स को सीधे तौर पर चुनावी चंदा बता रही हैं। कांग्रेस का दावा हैं कि भाजपा की सरकार ने उन कंपनियों से भी पैसे लिए जिन कंपनियों पर ईडी, सीबीआई के छापे पड़े। इससे साफ़ हैं कि चुनावी चंदे के लिए सरकार ने सरकारी जाँच एजेंसियों का दुरूपयोग किया।
बहरहाल इन सबसे अलग एमपी कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख जीतू पटवारी ने एक नया सवाल पूछा हैं जो कि इसी इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा हुआ हैं। जीतू पटवारी ने पूछा हैं कि कोरोनाकाल में देश और दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट से भी भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर 50 करोड़ रुपये लिए लेकिन इनमें उन दो कारोबारी घरानों के नाम नहीं हैं जिन्हे भाजपा ने कथित तौर पर सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाया हैं। (BJP ko Kitna Donation mila) संभवतः जीतू पटवारी का निशाना अडानी समूह और अम्बानी ग्रुप की तरफ था। सुनिए क्या कहा हैं पीसीसी प्रमुख ने।
इलेक्टोरल बॉन्ड में रूप में BJP सरकार ने कोरोना वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 50 करोड़ तो कई कम्पनियों को ED, IT द्वारा डराकर हजारों करोड़ वसूले हैं।
लेकिन इस लिस्ट में उन दो घरानों में नाम क्यों ग़ायब है जिन्हें सरकार ने ट्रेन, प्लेन, स्टेशन सहित सब कुछ सौंप… pic.twitter.com/vRXwZ5RBWe
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) March 18, 2024
चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार-
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा है कि उसे चुनावी बांड के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है। इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) ने कहा कि उसे भी चुनावी बांड के माध्यम से चंदा नहीं मिला।
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5 hours ago