Face To Face Madhya Pradesh: बदल डालो नाम..! नए MP की ये कैसी जिद? नाम बदलने की सियासत से क्या हासिल हो जाएगा ?

Face To Face Madhya Pradesh: बदल डालो नाम..! नए MP की ये कैसी जिद? नाम बदलने की सियासत से क्या हासिल हो जाएगा ?

Face To Face Madhya Pradesh: बदल डालो नाम..! नए MP की ये कैसी जिद? नाम बदलने की सियासत से क्या हासिल हो जाएगा ?

Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24

Modified Date: February 12, 2025 / 11:28 pm IST
Published Date: February 12, 2025 11:28 pm IST

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने की हवा चल पड़ी है। नीमच के एक बीजेपी नेता ने 50 से ज्यादा गांवों के नाम बदलने की मांग उठा दी और सीएम मोहन यादव ने इस पर हामी भी भर दी खास बात ये है कि ये सभी नाम एक खास पृष्ठभूमि से हैं। जी हां मध्यप्रदेश में इन दिनों नाम बदलने की बयार सी चल पड़ी है। देवास के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सीएम डॉ मोहन यादव ने BJP जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए 54 गांवों के नाम बदलने का ऐलान कर दिया, जिसके अनुसार अब मुरादपुर- मुरलीपुर, हैदरपुर- हीरापुर, शमशाबाद- श्यामपुर, इस्माईल खेड़ी- ईश्वरपुर, इस्लाम नगर- ईश्वर नगर, मिर्जापुर- मीरापुर, अकबरपुर- अंबिकापुर के नाम से जाने जाएंगे। इससे पहले सीएम के नाम बदलने के उस बयान ने भी सुर्खियां बटोरी थी जब उज्जैन के तीन गांव के नाम बदलने के दौरान उन्होनें मंच से कहा था कि मौलाना लिखने से पेन रुकता है।

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उज्जैन ही नहीं इससे पहले शाजापुर के भी 11 गांव के नाम बदले जा चुके है। बड़ी बात ये है कि ज्यादातर नाम मुस्लिम पृष्ठभूमि के हैं। अब नाम बदलने की बात हुई है तो दूर तलक तो जाना ही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा से भाजपा को घेरते आई है। फिर कांग्रेस ने मोहन सरकार को आड़े हाथ लिया तो भाजपा ने इसे जरूरी बताया। कैसे मध्यप्रदेश में नाम पर सियासी संग्राम छिड़ा है।

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Face To Face Madhya Pradesh: जिस तरह से मध्यप्रदेश में ऑपरेशन नामकरण तेजी से चल रहा है उससे तो यही लगता है कि शेक्सपियर ने भले ही कहा हो नाम में क्या रखा है, लेकिन एमपी सरकार ऐसा नहीं मानती। इसलिए मप्र में मुगलकालीन नाम बदलने की फेहरिस्त में लगातार नाम जुड़ते जा रहे है। तर्क दिया जा रहा है कि गुजरे जमाने में रखे मुगल कालीन नामों से गुलामी की मानसिकता से आजादी मिलेगी। बहरहाल देखना होगा कि नाम बदलने का ये अभियान और इससे उठा सियासी तूफान क्या रुख अख्तियार करता है।

 


 


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