african swine flu: भोपाल। देशभर में अभी नई-नई बीमारियां दस्तक दे रही है। एख बीमारी आती नहीं कि दूसरी दस्तक दे देती है। इंसान के साथ अब पशुओं में भी रोज-रोज नई बिमारियां मिल रही है। हाल ही में पशुओं में लेपी वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई ही थी कि अब एक और नया वायरस जानवरों को अपना निशाना बना रहा है। लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) के बाद प्रदेश में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की दस्तक भी हो गई है। बता दें इसके पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में इस बीमारी से सुअरों के संक्रमित होने की पुष्टि निशाद में जांच के बाद हुई थी। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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african swine flu: रीवा से भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु अनुसंधान प्रयोगशाला (निशाद) भेजे गए 10 सैंपलों में शुक्रवार को इस फ्लू की पुष्टि हुई है। लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं। मध्य प्रदेश में पहली बार यह बीमारी आई है। इसकी चपेट में आए ज्यादातर सुअरों की मौत हो जाती हैं। सावधानी के तौर पर प्रभावित सुअरों के एक किमी के दायरे में आने वाले सभी सुअरों को मार दिया जाता है, साथ ही 10 किमी के दायरे में बाहर से आने वाले सुअरों को रोक दिया जाता है, जिससे बीमारी बढ़ने नहीं पाए।
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african swine flu: अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से प्रभावित सुअरों को बुखार, दस्त, उल्टी, कान और पेट में लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। बहुत ज्यादा संक्रामक होने की वजह से संपर्क में आने वाले दूसरे सुअर बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए उनके आसपास के सुअरों को दूर कर दिया जाता है। हालांकि, इस सुअरों से इस बीमारी के इंसानों में आने के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन सावधानी के तौर पर सुअर का मांस नहीं खाने और सुअर पालकों को प्रभावित क्षेत्र के एक किमी से बाहर नहीं जाने की सलाह दी जाती है।
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53 mins ago