MP MSME Development: मध्यप्रदेश में होने वाली है नौकरियों की बारिश, इस क्षेत्र में होगा प्रदेश का अल्टीमेट डेवलपमेंट, सीएम ने किया ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विगत दो वर्ष में मध्यप्रदेश में एमएसएमई और स्टार्टअप के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं।

MP MSME Development: मध्यप्रदेश में होने वाली है नौकरियों की बारिश, इस क्षेत्र में होगा प्रदेश का अल्टीमेट डेवलपमेंट, सीएम ने किया ऐलान

MSME MADHYA PRADESH/ image soruce: IBC24

Modified Date: December 8, 2025 / 08:03 pm IST
Published Date: December 8, 2025 8:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • चलते ट्रक में अचानक भीषण आग लगी
  • फायर ब्रिगेड ने मशक्कत कर आग बुझाई
  • पुलिस जांच जारी, जनहानि नहीं हुई

 Madhya Pradesh MSME Development: भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमएसएमई विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे इंदौर और भोपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी के दृष्टिगत विकसित औद्योगिक क्षेत्रों को उद्योग जगत के बीच इस तरह से प्रचारित और प्रस्तुत करें, जिससे अधिक से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों तथा व्यापक निवेश और रोजगार सृजित हो सकें।

उन्होंने उद्योग वर्ष के समापन पर इस माह के अंत तक ग्वालियर में लगभग 2 लाख करोड़ निवेश वाली इकाइयों के भूमिपूजन औद्योगिक भूखंड आवंटन, शुभारंभ आदि का व्यापक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एमएसएमई के पंजीकरण में जबरदस्त 31प्रतिशत की ग्रोथ पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे पिछले दो वर्ष में छोटे उद्योगों के लिए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए शानदार वातावरण का उदाहरण बताया। उन्होंने फूड पार्क सहित अन्य ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को भी एमएसएमई से जोड़ने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को खजुराहो में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के गत 2 वर्ष के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 Madhya Pradesh MSME Development: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विगत दो वर्ष में मध्यप्रदेश में एमएसएमई और स्टार्टअप के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रदेश में इस अवधि में कई लाख करोड़ का निवेश आया है और नवीन औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन और शुभारंभ हुआ है। एमएसएमई इकाइयों को 2780 करोड़ की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई गई है।मुख्यमंत्री ने 2019 से उद्यमों के लिए लंबित प्रोत्साहन राशि के संपूर्ण भुगतान को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योग वर्ष के समापन पर यह विभाग की जिम्मेदारी है कि पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के साथ इन उपलब्धियों का मीडिया को भी मौके पर निरीक्षण कराए, जिससे निवेश और रोजगार में हुए कार्य पूरे देश में प्रचारित हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल सहित बड़े शहरों में फ्लैटेड इंडस्ट्रियल पार्क के विकास कार्यों में प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को जोड़ें, जिससे मितव्ययता बनी रहे। प्रदेश में एमएसएमई एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम के विस्तार, औद्योगिक संरचना के विकास तथा आगामी कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

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बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 4.51 लाख विनिर्माण उद्यम, 6,340 से अधिक स्टार्टअप और 3,023 से अधिक महिला स्टार्टअप सक्रिय हैं। प्रदेश में 102 से अधिक इन्क्यूबेटर कार्यरत हैं। विनिर्माण क्षेत्र में ₹39,600 करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त हुआ है।

नीतिगत सुधार एवं विभागीय उपलब्धियाँ

 Madhya Pradesh MSME Development: विगत दो वर्षों में विभाग ने नीतिगत सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। एमएसएमई एवं स्टार्टअप के लिए नई नीतियाँ लागू की गईं। प्रदेश में 116 से अधिक कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूकता एवं प्रशिक्षण दिया गया। भू-आवंटन एवं अन्य प्रक्रियाओं को फेसलेस ऑनलाइन माध्यम से समयबद्ध सेवा के रूप में लागू किया गया। वित्तीय सहायता के अंतर्गत 4,065 इकाइयों को 2,780.44 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की गई और 220 सहायता प्रकरणों का राज्य स्तरीय साधिकार समिति द्वारा निराकरण किया गया।

औद्योगिक अधोसंरचना का विस्तार

समीक्षा बैठक में बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। कुल 1,240 भूखंड उद्यमियों को उपलब्ध कराए गए, 13 औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ और 14 नए औद्योगिक क्षेत्रों को स्वीकृति प्रदान की गई। वर्तमान में 31 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास कार्य प्रगति पर है। निजी भूमि पर स्वीकृत 30 औद्योगिक क्षेत्रों में से 12 का विकास कार्य पूर्ण हुआ है। विभाग द्वारा पहली बार गोविंदपुरा, भोपाल में फ्लैटेड इंडस्ट्रियल पार्क का विकास कर नवाचार को प्रोत्साहन दिया गया है।

वित्तीय समावेशन एवं उद्यम क्रांति योजना

 Madhya Pradesh MSME Development: मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 15,838 युवाओं को लाभान्वित किया गया और 1,087.27 करोड़ रूपये की ऋण राशि वितरित की गई। प्रदेश की साख योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 2,45,038 करोड़ रूपये के विरुद्ध सितम्बर 2025 तक 1,93,872 करोड़ रूपये वितरित किए गए, जो पिछले दो वर्ष की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि है। इससे एमएसएमई क्षेत्र में वित्तीय उपलब्धता और उद्यमिता को मजबूती मिली है।

फेसिलिटेशन कॉउंसिल की उपलब्धियाँ

एमएसएमई फेसिलिटेशन काउंसिल द्वारा विलंबित भुगतान के 439 प्रकरणों का निराकरण किया गया और काउंसिल की सुनवाई पूरी तरह डिजिटल माध्यम से सुनिश्चित की गई। ODR पोर्टल के प्रभावी उपयोग के लिए काउंसिल को वर्ष 2025 में राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है।

निवेश संवर्धन एवं राष्ट्रीय उपलब्धियाँ

 Madhya Pradesh MSME Development: समीक्षा बैठक में बताया गया कि जीआईएस- 2025 के दौरान प्रदेश को 2,279 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनकी कुल राशि 21,000 करोड़ रूपये है। इनमें से 729 प्रस्ताव क्रियान्वित हुए हैं, जिनके माध्यम से 5,075 करोड़ रूपये का वास्तविक निवेश और 21,599 रोजगार सृजित हुए हैं। नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में मध्यप्रदेश मंडप को वर्ष 2024 में स्वर्ण पदक तथा 2025 में रजत पदक प्राप्त हुआ।

विनिर्माण एवं प्रमाणन में प्रगति

बैठक में बताया गया कि विगत दो वर्षों में 2 लाख से अधिक विनिर्माण इकाइयाँ पंजीकृत हुई हैं, जो 31 प्रतिशत की वृद्धि है। आरएएमपी योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5 SME को स्टॉक एक्सचेंज में शामिल कराया गया है। जेडईडी प्रमाणन के क्षेत्र में 16,428 इकाइयाँ प्रमाणित हुई हैं, जबकि पूर्व में यह संख्या मात्र 437 थी। प्रतिदिन अवधि में 30 हजार से अधिक एमएसएमई एवं स्टार्टअप का क्षमता निर्माण किया गया तथा iGOT पोर्टल पर 834 शासकीय सेवक ऑनबोर्ड हुए। ग्वालियर स्टोन एवं छतरपुर वुडन फर्नीचर को दिसंबर 2025 में जीआई टैग प्राप्त हुआ है।

क्लस्टर विकास एवं भविष्य की औद्योगिक तैयारी

 Madhya Pradesh MSME Development: मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि आगामी तीन वर्ष में 5 हजार से अधिक करोड़ की प्रोत्साहन राशि एमएसएमई इकाइयों को दी जाएगी। इसी तरह क्लस्टर विकास के लिए 30 नए निजी क्लस्टरों और 22 सामान्य सुविधा केंद्रों को स्वीकृति दी गई है। 31 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास कार्य पूर्ण हो चुका है तथा आगामी वर्षों में 6,000 से अधिक भूखंडों के आवंटन की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही 100 औद्योगिक क्षेत्रों में CETP की स्थापना की जाएगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को पर्यावरणीय संतुलन के साथ बढ़ावा मिलेगा।

आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना

मुख्यमंत्री के समक्ष विभागीय मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 81 विधानसभा क्षेत्रों में नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। वर्तमान 6,000 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ाकर 12,000 से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक जिले में कम से कम एक के साथ 100 नए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे तथा जनवरी 2026 में राज्य स्तरीय स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। 1.5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का फार्मलाइजेशन किया जाएगा और उन्हें उद्यम पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

स्वरोजगार, जीआई टैगिंग और प्रयोगशाला उन्नयन

 Madhya Pradesh MSME Development: स्वरोजगार योजना के माध्यम से 30,000 उद्यमियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा प्रदेश में 20 लाख से अधिक रोजगार सृजन का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। 20 विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बहादरपुर सहकारी सूत मिल, बुरहानपुर की देनदारियों के निराकरण तथा इंदौर व जबलपुर की परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर तक ले जाने के लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। उन्होंने नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और निवेश संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना के त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया। बैठक में प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने प्रस्तुतिकरण दिया।

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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।