इस तारीख तक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकेंगे नए मतदाता, आयोग ने शुरू की विधानसभा चुनाव की तैयारी

चुनाव आयोग 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए 10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच एक खास अभियान चलाने जा रहा है। The Election Commission is going to run a special campaign from October 10 to October 20 for the 2023 assembly elections.

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  • Publish Date - September 24, 2022 / 11:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर चुनाव आयोग ने कमर कसना शुरु कर दिया है। चुनाव आयोग ने पोलिंग बूथों की इंस्पेक्सन करना शुरु कर दिया है। शहर के सभी वार्डो में सही मतदाता सूची पर विचार और नए मतदाताओं को जोड़ा जा रहा है। चुनाव आयोग 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए 10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच एक खास अभियान चलाने जा रहा है। जिसमें मतदातों का नाम सूची में जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग कॉलेजो से लेकर सभी वार्डो और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में अभियान चलाने के लिए तैयार है।

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2023 में होने है चुनाव 

2023 में मध्यप्रदेश के 230 विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसके लिए सभी पार्टियों ने तैयारी शुरु कर दिए हैं। राज्य के कई विधानसभाओं में नेताओं के की आवाजाही लगातार जारी है। आपको बता दूं कि कूनों राष्ट्रीय उद्यान में चीताओं के आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लगातार बैठकें जारी हैं। चुनाव आयोग ने बूथों की मरम्मत से लेकर डिजिटल, टेक्निकल आस्पेक्ट पर काम कर रहा है। जिसके लिए आयोग की टीमें लगातार सभी वार्डो में लगे पोलिंग बूथ में हर वो कमी को खोजने में लगी जिसकी वजह से चुनाव में कोई हेर फेर हो पाए।

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चुनाव आयोग कि टीमें कर रही मुआयना

बीते महीने से आयोग की टीमें लगातार बूथ की सुरक्षा और चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी के सारे आसार को समय रहते मरम्मत कर सुधारने मे लगी हैं। इस बार बारिश के कारण कई पोलिंग बूथ में इंस्फ्रास्ट्रक्चर की भी समस्या देखने ममें आई है जिसका के लिए आयोग और राज्यसरकार दोनों मिल कर समाप्त करने में जुट गऐं हैं।

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सभी शैक्षणिक संस्थानों में कराया जाएगा सर्वे

आम तौर पर कॉलेज से दूसरे या फिर तीसरे साल के छात्र मतदान करने के लिए इलिजिबल हो जाते हैं। लेकिन वोटर आईडी बनवानें में होने वाली समस्याओं को लेकर ना तो वो कॉलेज में वोटर आई डी बनवाते हैं ना ही वोट डालते हैं। इसिलिए देश के बहोत सारे युवा अपने पहले वर्ष में, यानी जिस साल वोट डालने के लिए काबिल हो रहे हैं। वो वोट नही डाल पाते हैं।

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