Viral Post of Pahalgam Attack: पहलगाम हमले पर आपत्तिजनक पोस्ट वायरल! ज़ीशान खान के मोबाइल की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच
पहलगाम हमले पर आपत्तिजनक पोस्ट वायरल...Viral Post of Pahalgam Attack: Objectionable post on Pahalgam attack goes viral! Shocking truth
Viral Post of Pahalgam Attack | Image Source | IBC24
- पहलगाम हमले पर वायरल आपत्तिजनक पोस्ट की जांच,
- जीशान नाम के व्यक्ति से भोपाल पुलिस ने पूछताछ कर मोबाइल की जांच की,
- सोशल मीडिया पोस्ट में पुलिस को जीशान खान की संलिप्तता नहीं मिली....
भोपाल: Viral Post of Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर भोपाल पुलिस सतर्क हो गई है। इस मामले में भोपाल निवासी ज़ीशान खान से पूछताछ की गई जिनका नाम कथित तौर पर विवादित पोस्ट से जोड़ा जा रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि ज़ीशान खान का इस पोस्ट से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
पुलिस ने की डिजिटल फॉरेंसिक जांच
Viral Post of Pahalgam Attack: भोपाल पुलिस की साइबर सेल ने ज़ीशान खान के मोबाइल फोन की गहन जांच की और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला। जांच में यह सामने आया कि ज़ीशान ने मूल रूप से एक अन्य यूज़र की पोस्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नाराज़गी जताई थी। हालांकि, किसी अज्ञात व्यक्ति ने उस पोस्ट को एडिट कर ऐसा रूप दे दिया कि वह ज़ीशान की ओर से लिखी गई प्रतीत हो रही है। वायरल हो रही पोस्ट एडिटेड है और जानबूझकर किसी ने इसे ज़ीशान की पहचान के साथ जोड़ा है। भोपाल पुलिस अब उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने इस पोस्ट को एडिट किया और सोशल मीडिया पर फैलाया।
@CP_Bhopal pic.twitter.com/Jw6sGDy0e1
— DCP Crime and Cyber, Bhopal (@dcpcrime_bhopal) April 23, 2025
भोपाल पुलिस का बयान
Viral Post of Pahalgam Attack: भोपाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की हमने जीशान खान से पूछताछ की और उनके मोबाइल डिवाइस की तकनीकी जांच की। अब तक की जांच में उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। एडिटेड पोस्ट के पीछे जो भी व्यक्ति ज़िम्मेदार है, उसकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया यूज़र्स से सावधानी बरतने की अपील
Viral Post of Pahalgam Attack: पुलिस ने नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने या बिना पुष्टि के पोस्ट शेयर करने से बचने की अपील की है। इस तरह के मामलों में गलत जानकारी ना सिर्फ किसी निर्दोष की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव का कारण भी बन सकती है।

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