Face To Face Madhya Pradesh : BJP की बॉलिंग.. Congress के कितने विकेट? संकट से कैसे उबरेगी कांग्रेस
Face To Face Madhya Pradesh : कहा जाता है किक्रेट मैच के समय टीम जितनी ताकतवर हो, मजबूत हो, मैच जीतने के चांसेस उतने ही ज्यादा होते हैं।
Face To Face Madhya Pradesh
भोपाल : Face To Face Madhya Pradesh : कहा जाता है किक्रेट मैच के समय टीम जितनी ताकतवर हो, मजबूत हो, मैच जीतने के चांसेस उतने ही ज्यादा होते हैं। लेकिन अगर टीम कमजोर हो जाए, तो टीम के लिए ये सबसे बड़ा चैलेंज हो जाता है और कुछ ऐसा ही चैलेंज है इस वक्त मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सामने..बीजेपी के बॉलिंग से कांग्रेस के विकेट गिरते जा रहे हैं और खबरें तो ऐसी भी है कि तरुण भनोट और विवेक तन्खा जैसे दिग्गज राजनैतिक खिलाड़ियों का भी विकेट बीजेपी गिरा सकती है। हालांकि कांग्रेस कह रही है अभी भी सब ऑल इज वेल है, लेकिन कांग्रेस माने न माने संकट है तो अब इससे कांग्रेस कैसे उबरेगी। बीजेपी आगे कौन सा बड़ा खेला करने वाली है।
Face To Face Madhya Pradesh : इन दो तस्वीरों को ध्यान से देखिए और पूरा माजरा समझिए पहली तस्वीर मध्यप्रदेश में बीजेपी दफ्तर की है जहां पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशांक शेखर ने बीजेपी का दामन थाम लिया। शेखर कांग्रेस की लीगल सेल के प्रमुख भी थे। अब दूसरी तस्वीर देखिए ये जबलपुर की है जहां एक दिन पहले ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी में शामिल हुए जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नू का गौरीघाट पर तर्पण किया। दरअसल जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे बीजेपी का कुनबा फैल रहा है जबकि कांग्रेस सिकुड़ती जा रही है। इसे आप बीजेपी की रणनीति कह सकते हैं या विधानसभा चुनाव हार से कांग्रेस मे फैली हताशा। पहली बार आपने राजनीति में एक नई समिति का नाम सुना होगा, नाम है ज्वाइनिंग टोली बीजेपी ने बकायदा दिल्ली और हर राज्य में ज्वाइनिंग टोली का गठन किया है जो नए लोगों को पार्टी में शामिल करवा रही है। बीजेपी का स्पष्ट कहना है कि यदि कोई मर्जी से उनकी पार्टी में आता है तो इसमें गलत क्या है।
Face To Face Madhya Pradesh : बस यही नहीं अभी भी ये अटकलें लगाई जा रही है कि जल्द ही अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता बीजेपी खेमे में दिख सकते है। इसके लिए लोकसभा के साथ साथ 27 फरवरी को राज्यसभा सदस्यों की घोषणा का भी ध्यान रखना होगा। वैसे कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि नेताओं के जाने से कांग्रेस को कुछ फर्क नहीं पड़ता।
बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस और बीजेपी में राजनीति में नैतिकता के मुद्दे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे लेकिन कुछ दिनों में वो भी शांत हो गया। वैसे ये वो ही लोकतंत्र है जहां अटल बिहारी वाजपेयी ने एक वोट से अपनी सरकार गिरने पर सदन में कहा था सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए पर वक्त बदला तो सियासत में नैतिकता,उसके नियम कायदे भी बदल गए।

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