सच छिपाती है ब्यूरोक्रेसी.. क्या है सीएम के इस बयान के सियासी मायने?

सच छिपाती है ब्यूरोक्रेसी.. क्या है सीएम के इस बयान के सियासी मायने?! Bureaucracy hides the truth.. What is the political meaning of this statement of CM?

  •  
  • Publish Date - September 23, 2021 / 10:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

This browser does not support the video element.

भोपाल: क्या सच छिपाती है ब्यूरोक्रेसी..?..क्या शासन-प्रशासन के बीच समन्वय की कमी है..? क्या नेताओं के निशाने पर हैं अफसर? ये कुछ ऐसे सवाल है, जो मध्यप्रदेश में हालिया घटनाक्रम के बाद उठ रहे हैं। जी हां पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का बयान और अब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की दो टूक के बाद ब्यूरोक्रेसी को कठघरे मे खड़ा कर दिया है। सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि अफसर मंत्रालय में रंगीन पिक्चर दिखाते हैं। जबकि फिल्ड पर असलियत कुछ और होती है। सीएम के इस बयान के क्या है सियासी मायने?

Read More: कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुकदुर को तहसील और इन्दौरी और कुण्डा को मिलेगा नगर पंचायत का दर्जा, सीएम भूपेश बघेल ने की घोषणा

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर भी मध्यप्रदेश की ब्यूरोक्रेसी आ गई है। राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने बिना नाम लिए ब्यूरोक्रेसी पर तंज कसते हुए कहा कि वल्लभ भवन में तो सुराज की रंगीन पिक्चर खींच दी जाती है। असलियत को फील्ड में जाकर जनता से मिलकर पता चलती है। अफसरों को लेकर सीएम की कही गई बातों का सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे है।

Read More: हार्ट अटैक के चलते कांग्रेस नेता का निधन, नेताओं ने जताया शोक

दरअसल सीएम के अफसरों को लेकर तल्ख़ तेवर पहली बार नहीं है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर संबोधित करते हुए इशारों ही इशारों में कहा था कि सरकार चलाने वालों सावधान, मैं न खाऊंगा और न खाने दूंगा”। बहरहाल प्रदेश के मुखिया के मुंह से निकलने ब्यूरोक्रेसी के लिए इस बयान ने कांग्रेस को बैठे बिठाये मुद्दा दे दिया है।

Read More: सेक्स रैकेट और पोर्नोग्राफी को लेकर बदनाम हुईं ये एक्ट्रेस, खा चुकीं हैं जेल की हवा, जानिए किसका-किसका है नाम

सीएम के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि शिवराज जी हकीकत तो यह है कि पिछले 16 वर्षों से आप जनता को मुंह चला कर। झूठी घोषणाओं ,झूठे भूमि पूजन ,झूठे शिलान्यास ,झूठे नारियल फोड़कर रोज़ नक़ली रंगीन पिक्चर ही तो दिखा रहे हो, फील्ड में जाओ तो सब ब्लैक एंड वाइट, विकास पूरी तरह से नदारद ? उधर कांग्रेस नेता बीजेपी पर ब्यूरोक्रेसी का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं।

Read More: अतिक्रमण हटाने गई पुलिस के साथ हिसंक झड़प, दो लोगों की मौत, 9 पुलिसकर्मी घायल

इससे पहले मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी ब्यूरोक्रसी पर काम में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया था। जाहिर है मध्यप्रदेश में बीजेपी नेता और मंत्री गाहे बगाहे ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के आरोप लगाते रहे है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बयान और उसके बाद सीएम शिवराज के ब्यूरोक्रेसी पर किये तंज ने प्रदेश की अफसरशाही के काम काज को फिर सवालों में ला दिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मध्य प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी सच छिपाती है।

Read More: असम कांग्रेस ने 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को थमाया नोटिस, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप