Dhirendra Shastri: बागेश्वर महाराज की जन्म झोपड़ी में पहुंचे इंद्रेश उपाध्याय, चखा माता जी का हाथ का कड़ी पुड़ी और चाय, अनुभव किया बचपन की यादें

Dhirendra Shastri: बागेश्वर महाराज की जन्म झोपड़ी में पहुंचे इंद्रेश उपाध्याय, चखा माता जी का हाथ का कड़ी पुड़ी और चाय, अनुभव किया बचपन की यादें

Dhirendra Shastri: बागेश्वर महाराज की जन्म झोपड़ी में पहुंचे इंद्रेश उपाध्याय, चखा माता जी का हाथ का कड़ी पुड़ी और चाय, अनुभव किया बचपन की यादें

Dhirendra Shastri/Image Source: IBC24

Modified Date: October 26, 2025 / 11:00 am IST
Published Date: October 26, 2025 11:00 am IST
HIGHLIGHTS
  • बागेश्वर महाराज की जन्मस्थली झोपड़ी पहुंचे इंद्रेश उपाध्याय
  • सत्यनारायण कथा में साझा की अनुभूतियां
  • अनुभव किया सरल जीवन और बचपन की कठिनाइयाँ

खजुराहो: Dhirendra Shastri: बागेश्वर महाराज की जन्मस्थली झोपड़ी में प्रसिद्ध कथा वक्ता इंद्रेश उपाध्याय जी पहुंचे। इस दौरान इंद्रेश उपाध्याय जी ने महाराज के साथ महाराज श्री की माता जी के हाथ से बने देशी चूल्हे पर बनी कड़ी-पुड़ी और चाय का स्वाद लिया और महाराज जी की उस गाथा से रूबरू हुए, जिसका जिक्र वे अपनी कथाओं में करते हैं।

इंद्रेश उपाध्याय ने साझा किया कि हम एक 12×16 साइज के झोपड़ी नुमा कच्चे घर से निकले हैं। वर्षा होने पर हम परिवार सहित अपने घर में रहते थे और तेज बारिश होने पर लकड़ी की बनी खटिया का सहारा लिया करते थे। एक ही झोपड़ी में एक ओर हम सभी सदस्य सोते थे और दूसरी ओर रसोई, खाने-पीने की व्यवस्था होती थी। अभाव में हम दीवारों से लिपटकर रोया करते थे। आज यह पहला अवसर है कि हम अपनी जन्मभूमि में बैठकर सत्यनारायण की कथा सुन रहे हैं।

Dhirendra Shastri: इंद्रेश उपाध्याय और बद्रीनाथ वाले महाराज ने महाराज जी की माता जी और चाची जी के हाथों से बनी कड़ी-पुड़ी का स्वाद लिया और उस झोपड़ी के दर्शन किए, जिसमें गुरु जी का जन्म और बचपन बीता। इस दौरान मंत्री लखन पटेल ने महाराज की कथा के प्रारंभ में आशीर्वाद प्राप्त किया।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।