SIR in Madhya Pradesh: SIR की प्रक्रिया के बीच चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, पार्टी नेताओं ने कर दी ये बड़ी मांग, बोले- कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी

SIR की प्रक्रिया के बीच चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, Congress approaches Election Commission amid SIR process

SIR in Madhya Pradesh: SIR की प्रक्रिया के बीच चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, पार्टी नेताओं ने कर दी ये बड़ी मांग, बोले- कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी

SIR in Madhya Pradesh. Image Source- IBC24

Modified Date: November 25, 2025 / 12:04 am IST
Published Date: November 24, 2025 3:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने SIR प्रक्रिया में अव्यवस्था के गंभीर आरोप लगाए
  • फॉर्म न बटने, गलत फॉर्म भरवाने और बीएलओ पर बढ़ते दबाव का हवाला
  • कांग्रेस ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप और कलेक्टर से आश्वासन जारी करने की माँग की

भोपाल। SIR in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते हुए अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया कि प्रदेशभर में मतदाता सूची संशोधन कार्य में भारी अव्यवस्था और दहशत का माहौल बना हुआ है।

SIR in Madhya Pradesh: मसूद ने बताया कि अब तक 50 प्रतिशत फॉर्म तक नहीं बंटे हैं, वहीं कई स्थानों पर गलत फॉर्म भरवाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि खराब प्रबंधन और मनमानी के कारण प्रदेश के कई बीएलओ तनाव व दबाव में काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से कुछ बीएलओ की मौत तक हो चुकी है। विधायक ने अधिकारियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जबकि ज़मीन पर जाकर वास्तविक स्थिति की समीक्षा करना ज़रूरी है। मसूद ने मांग की कि जिला प्रशासन, विशेषकर कलेक्टर, स्पष्ट बयान जारी कर यह भरोसा दिलाए कि किसी भी मतदाता का नाम सूची से नहीं काटा जाएगा और हर नागरिक का फॉर्म स्वीकार किया जाएगा।

SIR क्या है?

एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन। देश में 1951 से 2004 के बीच यह आठ बार हुआ। अंतिम बार यह 2004 में किया गया था। अब 21 साल बाद यह किया जा रहा है। जबकि यह करीब सात साल बाद होना चाहिए। यह वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में ऐसे वोटरों की पहचान कर उनके नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए जाते हैं। जिनकी मृत्यु हो गई है, जो परमानेंट शिफ्ट हो गए हैं, एक ही राज्य में एक से अधिक वोटर कार्ड बनवा रखे हैं, घुसपैठियों ने वोटर कार्ड बनवा लिए, लापता वोटर और ऐसे कुछ विदेशी वोटर जिनके नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए। इन सभी को एसआईआर प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से बाहर किया जाता है।

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