Contract Employees Regularization Update: संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान, अब इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ, सावन महीने में सरकार ने दिया तोहफा
संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान, अब इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ, Contract Employees Regularization Update: Govt Issues Niyamitikaran Order of Samvida Karmchari
- 1,000 संविदा कर्मचारी होंगे अब नियमित, भविष्य और सेवाएं होंगी सुरक्षित
- 8,000 सफाई कर्मियों को मिलेगा यूनिफॉर्म, हेल्थ चेकअप और रेनकोट
- अशोका गार्डन का नाम “रामबाग” रखने का निर्णय
भोपालः Contract Employees Regularization Update सावन के पावन महीने में संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला है। भोपाल नगर निगम ने अपने 1000 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला लिया है। बुधवार को हुई नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। नगर निगम के अस्थायी कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। कई मौकों पर उन्होंने धरना-प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित भी किया था। अब निगम सरकार ने उनकी मांगों पर प्रमुखता से विचार करते हुए उन्हें नियमित करने का फैसला लिया है। इसके अलावा निगम के 8 हजार सफाई कर्मियों को यूनिफार्म, रेनकोट, हेल्थ चेकअप किया जाएगा।
Contract Employees Regularization Update दरअसल, बीतें दिनों नगर निगम परिषद की बैठक रखी गई थी। इस बैठक में राजधानी भोपाल के ओल्ड अशोका गार्डन को रामबाग कहने और हमीदिया कॉलेज और अस्पताल का नाम दिवंगत पूर्व विधायक रमेश शर्मा गुट्टू भैया के नाम पर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा नगर निगम के अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी पार्षदों ने मंजूरी दी। निगम के इस फैसले से 1,000 संविदा कर्मचारी नियमित होंगे। इस फैसले से 1,000 संविदा कर्मचारियों का न सिर्फ भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि वर्षों से उनकी लंबित मांग भी पूरी होगी।
नाम बदलने पर गरमाई सियासत
भोपाल नगर निगम की बैठक में दो प्रतिष्ठित स्थानों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार, अशोका गार्डन इलाका अब ‘रामबाग’ के नाम से जाना जाएगा। वहीं हमीदिया कॉलेज व अस्पताल का नामकरण दिवंगत विधायक रमेश शर्मा ‘गुट्टू भैया’ के नाम पर किए जाने का फैसला किया गया है।
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भाजपा-कांग्रेस पार्षदों में तीखी बहस
परिषद ने इन फैसलों को ऐतिहासिक बताते हुए शहर की सांस्कृतिक विरासत और सम्मानबोध के लिहाज से बड़ी उपलब्धि बताई थी। हालांकि, इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। इससे चलते कुछ देर के लिए बैठक स्थगित करनी पड़ी।

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