Datia News: बंगाल की खाड़ी से आई आफत ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत! आपदा के मैदान बने खेत… फसलों की हालत देख आंखों में आ जाएंगे आंसू
मध्य प्रदेश के दतिया जिले में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आषाढ़ में जल्दी शुरू हुई इस बारिश ने केवल धान की फसल ही नहीं, बल्कि अन्य सभी बुवाई वाली फसलों को भी प्रभावित किया है, जिससे किसान पूरी तरह निराशा और हताशा में हैं और केवल सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
Chhatarpur News/Image Crefit: IBC24
- दतिया में भारी बारिश और तेज हवाओं से फसलें बर्बाद।
- दतिया के किसानों ने सरकार से राहत की उम्मीद जताई।
- आषाढ़ में जल्दी शुरू हुई बारिश से धान की ही बुवाई हो पाई।
Datia News: दतिया, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही असामान्य और भारी बारिश ने पूरे जिले के किसान समुदाय की चिंता और मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने केवल धान की फसल ही नहीं, बल्कि अन्य सभी बुवाई वाली फसलों को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। ऐसे में किसान जो पहले ही इस आषाढ़ में मौसम के अनियमित बदलाव और समय पर बुवाई न होने के कारण आर्थिक तौर पर असुरक्षित हो चुके थे। अब पूरी तरह निराशा और हताशा के साथ केवल सरकार की ओर से किसी प्रकार की राहत और मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि लगातार पानी में डूबती फसलें और बिगड़ते कृषि समीकरण उनके आने वाले मौसमी उत्पादन और जीवन यापन पर गंभीर संकट की घंटी बजा रहे हैं।
आषाढ़ में जल्दी आई बारिश ने किया सब बर्बाद
आषाढ़ में इस बार मौसम सामान्य से जल्दी ही बदल गया। पहले ही बारिश का मौसम जल्दी शुरू हो जाने से किसान केवल धान की ही बुवाई कर पाए थे। अन्य बुवाई वाली फसलें अभी खेतों में नहीं पहुँच पाई थीं। किसानों ने लाखों रुपए के बीज खरीदे थे, लेकिन अब उनका अधिकांश नुकसान हो चुका है।
किसान रमेश सिंह ने कहा, “हमने अन्य फसलें भी बोई थीं, लेकिन तेज हवाओं और लगातार बारिश के कारण सिर्फ धान की ही रोपाई हो पाई। अब वो भी खतरे में है। अगर दो दिन और बारिश इसी तरह जारी रही तो पूरी फसल पानी में डूब जाएगी। हम सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।”
बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिवेट
Datia News: मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम एक्टिवेट होने के कारण दतिया अंचल में भारी बारिश जारी है। बारिश और तेज हवाओं ने खेतों के हालात पूरी तरह बिगाड़ दिए हैं। किसानों के लिए इस मौसम ने नई मुसीबत पैदा कर दी है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. अनिल वर्मा का कहना है, “धान की फसल इस बार अकेले किसानों की आशा बनी थी लेकिन बारिश और तेज हवाओं से वह भी पूरी तरह प्रभावित हो रही है। अगर मौसम इसी तरह बना रहा, तो फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है।”
किसानों के खेतों की हकीकत
कई गावों का दौरा और किसानों के साथ बातचीत करने पर किसानों ने बताया कि खेतों में पानी भरा हुआ है और कई जगहें ऐसे हैं जहां फसलें झूल चुकी हैं। छोटे और सीमांत किसान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। किसान सीमा यादव ने कहा, “हमने जो बीज खरीदे थे, वह सब बर्बाद हो रहे हैं। हमें सरकारी मदद की ही आस है, वरना पूरे साल की मेहनत बेकार हो जाएगी।”

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