कर्मचारियों को वापस मिलेगा कटा हुआ वेतन, सीएम की इन घोषणाओं से खुशी से झूम उठे संविदा कर्मी
Employees will get back the deducted salary: आपको बताते हैं कि सीएम शिवराज ने वे कौन कौन सी बड़ी घोषणाएं की हैं... जिनकी मांग को लेकर संविदा कर्मचारी सालों से आंदोलन कर रहे थे।
mp contract workers news: भोपाल। मध्यप्रदेश में संविदा पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों को शिवराज सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है… आज भोपाल के मोतीलाल नेहरू मैदान पर हुए सरकार के संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने बड़ी सौगात दी हैं… चुनाव के पहले नाराज कर्मचारियों को मनाने के लिए सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं।
प्रदेश के अलग अलग विभागों में सालों से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों पर आज शिवराज सरकार पूरी तरह मेहरबान रही… भोपाल में हुए संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई बड़े ऐलान किए हैं…। आपको बताते हैं कि सीएम शिवराज ने वे कौन कौन सी बड़ी घोषणाएं की हैं… जिनकी मांग को लेकर संविदा कर्मचारी सालों से आंदोलन कर रहे थे।
संविदा कर्मचारियों के लिए सीएम शिवराज की घोषणाएं
संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तरह 100 प्रतिशत मानदेय दिया जाएगा।
संविदा कर्मचारियों की सेवाएं प्रतिवर्ष रिनुअल की प्रक्रिया समाप्त होगी।
नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा ।
संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ भी मिलेगा ।
संविदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेजुएटी की व्यवस्था रहेगी।
नियमित पदों पर भर्ती में संविदा कर्मचारियों को 50 फीसदी पदों पर आरक्षण रहेगा।
नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश के साथ मातृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा।
संविदा कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश, नियमित कर्मचारियों की तरह मिलेगा।
संविदा कर्मचारियों के काटे गए वेतन की राशि वापस की जाएगी।
mp samvida karmchari news: भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों से भरे हॉल में जब सीएम शिवराज ने घोषणाओं का पिटारा खोला… तो संविदा कर्मचारी खुशी से झूम उठे… कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने आज उनका दिल खुश कर दिया है।
उधर कांग्रेस सीएम शिवराज की इन घोषणाओं को झूठ का पुलिंदा बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों की सिर्फ छोटी मोटी मांगें ही पूरी की हैं। नियमितिकरण की मुख्य मांग पूरी नहीं की गई।
दरअसल मप्र में अलग अलग विभागों में सालों से कांट्रेक्ट पर करीब ढाई लाख कर्मचारी काम करते हैं, जो नियमित करने और नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन भत्ते और सुविधाओं की मांग पर आंदोलनरत थे। चुनाव के पहले कर्मचारियों की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए शिवराज सरकार ने यह घोषणाएं की हैं। सरकार की यह कवायद चुनाव में बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
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