किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, बारिश ने खराब की फसल, सरकार का नहीं इस ओर ध्यान

Crop damaged due to heavy rain: किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, बारिश ने खराब की फसल, सरकार का नहीं इस ओर ध्यान

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  • Publish Date - August 18, 2022 / 01:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

Crop damaged due to heavy rain: भोपाल। मध्यप्रदेश में मूसलाधार बारिश ने कई किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के कई हिस्सों में खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे सोयाबीन, मूंग, उड़द, तुअर, मक्का, सब्जी सहित दूसरी खराब हुई है। किसानों को खेत से पानी निकालने की सलाह दी जा रही है क्योंकि खेतों में पानी भरा रहने से फसलें गलने लगेंगी।

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इन फसलों को होगा फायदा

Crop damaged due to heavy rain: किसानों को जहां एक तरफ बारिश से नुकसान ढेलना पड़ रहा है तो वहीं धान और गन्ना के लिए यह बारिश फायदेमंद है लेकिन सोयाबीन सहित दूसरी फसलें अधिक समय तक पानी में नहीं रह सकती हैं। प्रदेश के बैतूल, नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा,सिवनी, मंडला ,भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, हरदा सहित अन्य जिलों में लगातार हुई तेज बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ हैं।

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इन फसलों की हो चुकी बोवनी

Crop damaged due to heavy rain: गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 135 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलों की बोवनी हो चुकी है। सर्वाधिक 50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है,धान की 28.27 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई है। इसके अलावा मक्का का क्षेत्र इस बार 15 लाख 90 हजार हेक्टेयर हुआ है। तो वहीं उड़द 16 लाख 33 हजार हेक्टेयर में लगाई गई है। अब मामले में बीजेपी और कांग्रेस में सियासत भी शुरू हो गई है। फसल क्षति के आकलन का अब तक सर्वे नहीं होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए हैं वहीं बीजेपी सरकार के बचाव की मुद्रा में है,और कह रही है सरकार किसानों के साथ है।

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