भोपाल: fire of dispute अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों मे रहने वाले प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एक पोस्ट को लेकर कांग्रेस के निशाने पर हैं। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री जी ने पोस्ट सोशल मीडिया से हटा दिया, लेकिन मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस जहां मोहन यादव से सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग कर रही है, तो वहीं बीजेपी मंत्रीजी के बचाव में तर्क दे रही है।
fire of dispute मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के पोस्ट को लेकर इन दिनों प्रदेश का सियासी बवाल मचा हुआ है। हालांकि मंत्री जी ने ये पोस्ट डिलीट कर दिया है, लेकिन इसे लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे,सरदार पटेल वल्लभभाई पटेल थे। परेड में ना तो देश के फर्जी पिताजी थे,ना ही देश के फर्जी चाचा थे। ना लोहे की महिला थी, ना ही कंप्यूटर के आविष्कारक थे। परेड में काशी विश्वनाथ की झांकी थी, देवी वैष्णो देवी की झांकी थी, सनातन संस्कृति का नजारा था। मेरा देश सही में बदल रहा है,मेरा देश अंग्रेजी गुलामों के जबड़ों से निकल रहा है, मेरा देश सही में स्वतंत्र हो रहा है।
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मोहन यादव ने पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन महात्मा गांधी और इंदिरा-नेहरू पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस हमलावर है। इंदौर में कांग्रेस नेताओँ ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के गेट पर पोस्टर चस्पा कर धमकी दी है कि जब तक उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, उन्हें इंदौर में घुसने नहीं दिया जाएगा। इधर कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीजेपी की गोडसेवादी विचारधारा एक बार फिर सबके सामने आ गई।
एक तरफ कांग्रेस मोहन यादव के पोस्ट पर सवाल उठाते हुए बीजेपी की विचारधारा पर निशाना साध रही है तो दूसरी ओर बीजेपी नेता अपने मंत्री के बचाव मे उतर गए हैं। वैसे मंत्री मोहन यादव इससे पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। लेकिन गणतंत्र दिवस पर इंदिरा और नेहरू पर निशाना साधकर वो कांग्रेस के निशाने पर हैं। भले ही उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन ये तो तय है कि विवाद की आग जल्द नहीं बुझने वाली।
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