Digital Arrest in Gwalior: 26 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट.. ठग लिए 2 करोड़ 52 लाख रुपये, पुलिस अफसर बनकर की साइबर लूट..

यह मामला प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी में से एक माना जा रहा है। पुलिस साइबर फ्रॉड के इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।

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  • Publish Date - April 16, 2025 / 04:12 PM IST,
    Updated On - April 16, 2025 / 04:19 PM IST

Digital Arrest in Gwalior || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर में साधु से 2.52 करोड़ की अब तक की सबसे बड़ी ठगी।
  • 26 दिनों तक "डिजिटल अरेस्ट" में रखकर साइबर ठगों ने वसूले करोड़ों।
  • नासिक पुलिस बनकर ठगों ने डराकर मनी लॉन्ड्रिंग का झांसा दिया।

Biggest digital arrest in Gwalior: ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में साइबर ठगों ने अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी को अंजाम दिया है। ठगों ने रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिनों तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखकर 2.52 करोड़ रुपए की ठगी की।

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पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने खुद को नासिक पुलिस का अधिकारी बताकर स्वामी सुप्रदिप्तानंद से संपर्क किया और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की बात कहकर डराया। ठगों ने दावा किया कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है, जिससे बचने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।

इस बहाने से उन्होंने लगातार दबाव बनाकर 26 दिनों तक देशभर के अलग-अलग बैंक खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर करवाए। जब मामला संदेहास्पद लगा, तो इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच पुलिस से की गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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यह मामला प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी में से एक माना जा रहा है। पुलिस साइबर फ्रॉड के इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।

1. डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?

उत्तर: डिजिटल अरेस्ट एक साइबर ठगी का तरीका है जिसमें ठग खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर व्यक्ति को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह किसी अपराध में फंसा हुआ है और जांच या कानूनी प्रक्रिया के नाम पर लगातार ऑनलाइन निगरानी में रखते हैं और पैसे ट्रांसफर करवाते हैं।

2. ठगों ने स्वामी सुप्रदिप्तानंद को कैसे फंसाया?

उत्तर: ठगों ने खुद को नासिक पुलिस का अधिकारी बताकर कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है। उन्होंने डराकर कानूनी कार्यवाही के नाम पर लगातार 26 दिन तक संपर्क में रहकर पैसे मंगवाए।

3. कुल कितनी रकम की ठगी की गई?

उत्तर: साइबर ठगों ने कुल ₹2.52 करोड़ रुपए की ठगी की, जो प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी में से एक है।