Gwalior News: अंबेडकर पर विवादित बयान से फिर बढ़ा तनाव! क्षेत्र में सामाजिक टकराव की चिंगारी, BJP-कांग्रेस आमने-सामने, बरैया बोले- RSS का एजेंडा

Gwalior News: अंबेडकर पर विवादित बयान से फिर बढ़ा तनाव! क्षेत्र में सामाजिक टकराव की चिंगारी, BJP-कांग्रेस आमने-सामने, बरैया बोले- RSS का एजेंडा

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 04:22 PM IST,
    Updated On - October 7, 2025 / 04:22 PM IST

Gwalior News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर-चंबल फिर तनाव की आग में,
  • अनिल मिश्रा के विवादित बयान,
  • बयानबाज़ी से बढ़ा जातीय टकराव

ग्वालियर: Gwalior News:  मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल संभाग एक बार फिर तनाव और सामाजिक टकराव की चपेट में है। वर्ष 2018 में SC-ST और सवर्ण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में जहाँ 7 लोगों की जान गई थी, अब वैसा ही माहौल एक बार फिर बनता नजर आ रहा है। इस बार टकराव की जड़ है बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा का विवादित बयान। अनिल मिश्रा ने एक बयान में कहा किअंबेडकर गंदा आदमी है, मैं सौ बार कहूंगा। उससे ज्यादा गंदा व्यक्ति भारत के लिए कोई नहीं हो सकता। उसने पूरे भारत को विभाजित कर दिया, वह संविधान निर्माता नहीं था। इस बयान के बाद ग्वालियर-चंबल में तनाव भड़क गया है। दलित वर्ग आक्रोशित है और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं सवर्ण समाज का एक वर्ग सर बीएन राव की मूर्ति लगाने की माँग कर रहा है।

Gwalior Ambedkar statue controversy:  15 मई को डॉ. अंबेडकर की मूर्ति लगाने की पहली कोशिश की गई थी, लेकिन सवर्ण वर्ग के विरोध के चलते वह संभव नहीं हो सकी। इसके बाद से दलित समाज लगातार आंदोलन कर रहा है। वहीं रक्षक मोर्चा नामक संगठन अब सर बीएन राव की मूर्ति लगाने के लिए सक्रिय हो गया है। वे पार्क में भूमिपूजन तक कर चुके हैं।दलित नेता और कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि जो काम बीजेपी और RSS नहीं कर पा रहे थे, वो अनिल मिश्रा जैसे वकीलों से करवा रहे हैं। बार-बार अंबेडकर को गालियाँ दी जा रही हैं, जिससे हिंसा जैसा माहौल बन रहा है। वहीं बीजेपी के पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि महापुरुषों के खिलाफ ऐसी टिप्पणी निंदनीय है, लेकिन उन लोगों पर भी FIR होनी चाहिए जो हिंसा भड़का रहे हैं। ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने अनिल मिश्रा को नोटिस जारी किया और सोमवार रात उनके बयान पर FIR दर्ज की गई। इसके बाद अनिल मिश्रा अपने समर्थकों और रक्षक मोर्चा के नेताओं के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे और गिरफ्तारी देने की पेशकश की लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार करने से मना कर दिया।

Gwalior News:  पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर ही गिरफ्तारी की जाएगी। अब यह विवाद सिर्फ ग्वालियर-चंबल तक सीमित नहीं रहा। भोपाल से लेकर दिल्ली तक यह मामला पहुँच चुका है। कांग्रेस, बसपा, सपा और भीम आर्मी समेत कई संगठनों ने मूर्ति स्थापना को लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है। लेकिन इसी के साथ दोनों पक्षों के लोग सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र की सामाजिक फिजा बिगड़ती जा रही है। ऐसे में यदि पुलिस-प्रशासन ने समय पर सख्त कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है।

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"ग्वालियर अंबेडकर मूर्ति विवाद" किस वजह से हुआ?

यह विवाद बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगाने के प्रयास और अनिल मिश्रा के विवादित बयान के कारण शुरू हुआ, जिसने सामाजिक वर्गों के बीच टकराव की स्थिति बना दी।

"अनिल मिश्रा पर FIR" क्यों दर्ज हुई?

उनके द्वारा दिए गए बयान में डॉ. अंबेडकर को लेकर आपत्तिजनक और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जो समाज में वैमनस्य फैलाने वाला माना गया।

क्या "ग्वालियर में मूर्ति स्थापना" की अनुमति मिल गई है?

अब तक प्रशासन ने स्पष्ट रूप से किसी पक्ष को मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं दी है, लेकिन दोनों वर्गों के लोग इसे लेकर अड़े हुए हैं।

क्या "ग्वालियर मूर्ति विवाद" पर कोई गिरफ्तारी हुई है?

FIR दर्ज होने के बावजूद अनिल मिश्रा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।

क्या "ग्वालियर-चंबल विवाद" का असर अन्य शहरों में भी हो रहा है?

हाँ, यह मामला भोपाल और दिल्ली तक पहुँच गया है और कई राजनीतिक-सामाजिक संगठन इसमें कूद चुके हैं।