Reported By: Nasir Gouri
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ग्वालियर: Gwalior News: श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला अस्पताल मुरार में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक युवक के 10 साल तक ड्रेसर पद पर नौकरी करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपी युवक का असली नाम अरविंद कुमार गुप्ता उर्फ नीरज गुप्ता है जो अस्पताल में मनोज कुमार नाम से पदस्थ था।
Gwalior News: इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब खुद आरोपी के भाई ने स्वास्थ्य विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद विभाग ने तत्काल एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच में यह साफ हुआ कि आरोपी ने वर्ष 2015-16 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टीकमगढ़ जिले में ड्रेसर के पद पर नियुक्ति प्राप्त की, और बाद में ट्रांसफर होकर ग्वालियर आ गया।
Gwalior News: आरोपी ने भिंड जिले के कोषालय और सीएमएचओ कार्यालय से फर्जी यूनिक कोड जारी करवा कर खुद को स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त करवाया। उसने नारायण विहार कॉलोनी ग्वालियर का पता देकर खुद को ‘मनोज कुमार’ बताया और नियमित वेतन भी प्राप्त करता रहा। न दस्तावेजों की उचित जांच हुई न ट्रांसफर और वेतन प्रक्रिया पर कोई सवाल उठा।
Gwalior News: जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया की आरोपी की नियुक्ति पूरी तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना यह फर्जीवाड़ा संभव नहीं था। नियुक्ति प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां और लापरवाही सामने आई हैं।
Gwalior News: जैसे ही यह मामला प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत गंभीरता से जांच के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद मंत्री ने सीएमएचओ को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।