High Court on Obscenity spread on social media

सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता को लेकर सुनवाई, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश, अब इस दिन होगी अगली सुनवाई

Gwalior News: सोशल मीडिया पर लगातार फैलाई जा रही अश्लीलता को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गयी है।

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Modified Date: February 17, 2025 / 08:26 PM IST
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Published Date: February 17, 2025 8:26 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाई..
  • याचिका में सोशल मीडिया पर इस तरह के प्लेटफार्म पर तुंरत रोक लगाई जाने की बात कही है।

ग्वालियर। High Court on Obscenity spread on social media: सोशल मीडिया पर लगातार फैलाई जा रही अश्लीलता को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका में सोशल मीडिया पर इस तरह के प्लेटफार्म पर तुंरत रोक लगाई जाने की बात कही है। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अनिल बनवारिया को आदेशित किया है। वे मध्य प्रदेश शासन को इसमें पक्षकार बनाएं।

साथ ही केंद्र सरकार के वकील को निर्देशित है। वे बताएं, सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता को रोकने के संबंध में केंद्र सरकार क्या-क्या कर सकती है, क्या-क्या नियम लागू किया जा सकते हैं और इसके संबंध में क्या कोई नियम बनाए गए हैं, इसकी जानकारी हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है। इस मामले की अगली 3 मार्च को होगी जिसमें केंद्र सरकार की तरफ जबाब पेश करना होगा। याचिकाकर्ता ने इस मामले में फेसबुक, युटुब, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, गूगल सहित केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया गया है।

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क्या सोशल मीडिया पर अश्लीलता को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने क्या कदम उठाए हैं?

हां, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि सोशल मीडिया पर अश्लीलता को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और क्या इस संबंध में कोई नियम बनाये गए हैं।

ग्वालियर हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी?

इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च, 2025 को होगी, जिसमें केंद्र सरकार को जवाब देना होगा।

क्या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अश्लीलता को रोकने के लिए कोई नए नियम बन सकते हैं?

हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से यह जानकारी मांगी है कि इस तरह की सामग्री पर रोक लगाने के लिए क्या नए नियम लागू किए जा सकते हैं।

इस याचिका में कौन-कौन से पक्षकार बनाए गए हैं?

याचिकाकर्ता ने इस मामले में फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, गूगल और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है।