MP News: मातृ मृत्यु दर में देश में नंबर-1 बना मध्यप्रदेश, ग्वालियर-चंबल में हालात सबसे बदतर, अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था बनी वजह

MP News: मातृ मृत्यु दर में देश में नंबर-1 बना मध्यप्रदेश, ग्वालियर-चंबल में हालात सबसे बदतर, अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था बनी वजह

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - July 28, 2025 / 06:19 PM IST,
    Updated On - July 28, 2025 / 06:19 PM IST

MP News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बढ़ती मातृ मृत्यु दर से हड़कंप,
  • M.P. देश में पहले नंबर पर,
  • 159 माताओं की मौत,

ग्वालियर: Gwalior News: देश में शिशु मृत्यु दर का वर्षों का कलंक मिटा नहीं था की अब सर्वाधिक मातृ मृत्यु दर के मामले में भी मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर पर आ गया है। हैरत की बात ये है इसमें ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा केस समाने आएं है। ऐसे में ग्वालियर-चंबल के शहरी क्षेत्रों की स्थिति फिर भी ठीक है लेकिन गांव में स्थिति ज्यादा खराब है जहां आइएमआर 43 है जबकि शहरों में यह घटकर 28 रह गई है।

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MP News:  इसका मतलब यह कि एक लाख गर्भवती महिलाओं में 159 की मौत प्रसव के 42 दिन के भीतर हो जा रही है जबकि देश का औसत 88 है। माताओं की मौत का एक बड़ा कारण लेबर रूम और मैटरनिटी ओटी की स्थिति अच्छी नहीं होना भी है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने भी ग्वालियर चंबल संभाग के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन और संचार संस्थान में आयोजित बैठक में ग्वालियर चंबल संभाग के सभी जिलों के CMHO, सिविल सर्जन और प्रमुख स्वास्थ अधिकारी शामिल हुए।

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MP News:  आयुक्त ने अंचल के जिलो में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को एक बड़ा चेलेंज बताया है। जिसमें आयुक्त ने सभी जिलों के स्वास्थ अधिकारियों से उनके जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मौजूदा हालात, संसाधनों की जानकारी ली। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में मरीजो की सुविधाओं को दुरुस्त करने की हिदायत दी। इस दौरान खास तौर पर आयुक्त ने सभी जिलों में रैफरल केस को लेकर नाराजगी जताई। आयुक्त ने सभी CMHO, सिविल सर्जन को हिदायत दी है कि जिले के सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों का व्यवस्थित इलाज करें हालत खराब होने पर वह प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख न करते हुए सरकारी हायर सेंटर यानी जिला अस्पताल में इलाजे ले आंकड़ों में मेडिकल कॉलेजों में उन केसों को रेफर किए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है।

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MP News:  आइये एक नजर रैफरल केस के आंकड़ों पर डालते है जो अंचल के जिलो से ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के जयारोग्य अस्पताल भेजे गए। रेफरल डाटा जनवरी 2025 से मई 2025 तक गायनिकोलॉजी में 1574 केस, जनरल सर्जरी 131 केस, पीडियाट्रिक्स 43 केस (include SNCU और PICU), एमरजैंसी मेडिसिन 145 केस (दतिया,शिवपुरी, श्योपुर,झांसी और प्राइवेट हॉस्पिटल) जनरल मेडिसिन 2103 केस सामने आए है।

"मातृ मृत्यु दर" सबसे ज्यादा किस राज्य में है?

मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate - MMR) देश में सबसे ज्यादा है। यहाँ एक लाख गर्भवती महिलाओं में 159 की मौत हो रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 88 है।

"ग्वालियर-चंबल" क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर इतनी ज्यादा क्यों है?

ग्वालियर-चंबल के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, खराब लेबर रूम और मैटरनिटी ओटी की स्थिति इसके मुख्य कारण हैं।

क्या "सरकारी अस्पताल" में इलाज के बजाय रेफर किया जा रहा है?

हाँ, आयुक्त तरुण राठी ने नाराजगी जताई कि जिला स्तर पर मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो रहा और उन्हें मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।

2025 में "रेफरल केस" की संख्या कितनी रही है?

जनवरी 2025 से मई 2025 तक ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में भेजे गए रेफरल केस इस प्रकार हैं: गायनिकोलॉजी: 1574 केस जनरल मेडिसिन: 2103 केस जनरल सर्जरी: 131 केस पीडियाट्रिक्स (SNCU & PICU): 43 केस एमरजेंसी मेडिसिन: 145 केस

"सरकारी अस्पताल" में सुधार के लिए क्या निर्देश दिए गए हैं?

सभी जिलों के CMHO और सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि प्राथमिक इलाज स्थानीय स्तर पर ही हो, ताकि मरीजों को निजी अस्पतालों में ना जाना पड़े और रेफरल केस कम हों।