Yamraj Mandir In Gwalior: यहां स्थित है देश का एक मात्र यमराज मंदिर, रूप चौदस पर होती है विशेष पूजा, देशभर से मन्नत मांगने आते हैं श्रद्धालू
Gwalior News: यहां स्थित है देश का एक मात्र यमराज मंदिर, रूप चौदस पर होती है विशेष पूजा, देशभर से मन्नत मांगने आते हैं श्रद्धालू
Yamraj Mandir In Gwalior
ग्वालियर। Yamraj Mandir In Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में यमराज का मंदिर सुनने में अजीब जरूर लगता होगा पर यह बात बिलकुल सही है। ग्वालियर में देश का एक मात्र यमराज का मंदिर है, जो लगभग 350 साल पुराना है। दीपावली के एक दिन पहले नरक चौदस पर यमराज की पूजा के साथ उनकी मूर्ति का अभिषेक किया जाता है। साथ ही यमराज से मन्नत मांगी जाती है, कि वह उन्हें अंतिम दौर में कष्ट न दें।
यमराज ने की थी भगवान शिव की तपस्या
बता दें कि ग्वालियर शहर के बीचों-बीच फूलबाग़ पर मार्कंडेश्वर मंदिर में है, जहां यमराज की प्रतिमा स्थापित है। यमराज के इस मंदिर की स्थापना सिंधिया वंश के राजाओं ने लगभग 350 साल पहले करवाई थी। यमराज की नरक चौदस पर पूजा अर्चना करने को लेकर पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि यमराज ने जब भगवान शिव की तपस्या की थी तब यमराज की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यमराज को वरदान दिया था कि आज से तुम हमारे गण माने जओगे और दीपावली से एक दिन पहले नरक चौदस पर जो भी तुम्हारी पूजा अर्चना और अभिषेक करेगा उसे जब सांसारिक कर्म से मुक्ति मिलने के बाद उसकी आत्मा को कम से कम यातनाएं सहनी होंगी। साथ ही उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। तभी से नरक चौदस पर यमराज की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
देशभर से आते हैं श्रद्धालू
Yamraj Mandir In Gwalior: यमराज की पूजा अर्चना भी ख़ास तरीके से की जाती है। पहले यमराज की प्रतिमा पर घी, तेल, पंचामृत, इतर, फूलमाला, दूध-दही, सहद आदि से यमराज का अभिषेक किया जाता है। उसके बाद दीप दान किया जाता है। इसमें चांदी के चौमुखी दीपक से यमराज की आरती उतारी जाती है। यमराज की पूजा करने के लिए देशभर से लोग ग्वालियर पहुंचते है और यमराज को रिझाने की कोशिश करते हैं। यमराज का ये मंदिर देश में अकेला होने के कारण पूरे देश की श्रृद्धा का केंद्र है। यहां नरक चौदस पर देश भर से श्रद्धालू आते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार लोग इसलिए भी यमराज की पूजा-अर्चना करते हैं कि यमराज उन्हें अंतिम समय में कष्ट न दें।

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