Hamidia', accident and outcry! How many perpetrators of innocent death?

‘Hamidia’, हादसा और हाहाकार! मासूमों की मौत के कितने गुनहगार?

Hamidia', accident and outcry! How many perpetrators of innocent death?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : November 9, 2021/11:51 pm IST

भोपाल : राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में दर्दनाक हादसा हुआ है। जिसमें 24 घंटे से लेकर 7 दिन की उम्र के बच्चों ने दम तोड़ा है। बच्चों की मौत अस्पताल की तीसरी मंजिल पर आग लगने की वजह से हुई है। शुरुआती जांच में ये साफ हुआ है कि बच्चों की मौत जलने और दम घुटने से हुई, लेकिन गुनहगारों पर पर्दा डालने की हर मुमकिन कोशिश जारी है। बताया जा रहा है कि सिर्फ 6 बच्चों की मौत हुई है। जबकि अस्पताल की खबर रखने वाले कह रहे हैं कि मौत का आंकड़ा डबल डिजिट मे है। हालांकि मुख्यमंत्री ने विपक्ष के बवाल के पहले ही हाइल लेवल जांच के ऑर्डर कर दिए हैं। इस हाई लेवल जांच के लिए जिस अधिकारी को जिम्मा दिया गया है उससे कांग्रेस को ऐतराज़ है। कांग्रेस का मानना है कि इस दर्दनाक हादसे का जो जिम्मेदार है उसी से सरकार जांच करा रही है।

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मामला भोपाल के हमीदिया अस्पताल की हैं। जहां बच्चों के कमला नेहरु अस्पताल में लगी आग ने मासूम बच्चों की जान ले ली। हादसे को करीब 24 घंटे का वक्त हो चुका है लेकिन कुछ अनसुलझे सवाल भी हैं। आखिर किसकी गलती के कारण ये हादसा हुआ। हादसे की सही वजह शॉट सर्किट या कर्मचारियों में विवाद। क्या अस्पताल में नहीं थे आग से निपटने के इंतजाम। अस्पताल ने फायर सेफ्टी ऑडिट क्यों नहीं करवाया। सबसे बड़ा सवाल तो ये हैं कि आखिर गुनहगारों की पहचान कर उन्हें कब सजा दी जाएगी। ये वो चंद सवाल है जिनके जवाब सभी जानना चाहते हैं।

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मामले की जांच का जिम्मा एसीएस मोहम्मद सुलेमान को सौंपा गया जो आज दूसरे अधिकारियों के साथ हमीदिया अस्पताल भी गए। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री से लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री तक पल पल की अपडेट ले रहे हैं। सरकार की तरफ से भरोसा दिया गया है कि जांच शुरु हो गई है और जल्द ही नतीजे सामने होंगे।

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ये तस्वीरें हादसे की नहीं बल्कि अस्पताल के बाहर की है जहां बच्चों के परिवारवालों ने चक्काजाम कर दिया। इनका आरोप है कि उन्हें बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को बहुत तेजी से लपका है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद पूरी टीम के साथ हमीदिया अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने घटना का जायज़ा लिया, पीड़ित परिजनो से मुलाक़ात की और भर्ती बच्चों का हालचाल जाना। कमलनाथ ने हादसे की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग की।

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वहीं ये महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता है जो अस्पताल के अंदर जाने की जिद कर रही थी। आप खुद सोचिए कि ऐसे में जब मासूमों की जान चली गई राजनीति कहां तक जायज है। जरुरत इस वक्त पीड़ित परिवार को सांत्वना देने की है या अपनी राजनीति चमकाने की। जाहिर तौर पर पहले हादसे की वजहों को जानकर उसे ठीक करना प्राथमिकता है लेकिन नेताओं को शायद इसकी फ्रिक नहीं।