Lock hangs in government hospital for one year: जबलपुर: छत्तसीगढ के जबलपुर में ताले में कैद एक सरकारी अस्पताल पर राजनीति गर्मा गई है.. दरअसल जबलपुर के आदिवासी बहुल बरगी ब्लॉक में लचर स्वास्थय सुविधाओं से परेशान जनता को, यहां नया अस्पताल बनने से जिस राहत की उम्मीद जागी थी वो आज तक मिल नहीं पाई। वजह है अस्पताल का लोकार्पण ही नहीं होना… जी हां, जबलपुर के बरगी में 30 बिस्तरों का नया सरकारी अस्पताल बने 1 साल से ज्यादा का समय गुज़र चुका है, लेकिन अस्पताल के दरवाजों के ताले बंद हैं।
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सरकारी अस्पताल में तले को लेकर राजनीति हुई तेज
राज्य सरकार अब तक ना तो अस्पताल के जरुरी स्टाफ सहित डॉक्टर्स की नियुक्ति नहीं कर पाई है, और ना ही जरुरी जांच मशीनों सहित संसाधन लगा पाई है… ऐसे में इस चुनावी साल में ताले में कैद सरकारी अस्पताल पर जमकर राजनीति हो रही है। बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव ने आरोप लगाया है कि यहां 30 बिस्तरों वाले सिविल हॉस्पिटल की सौगात कमलनाथ सरकार में दी गई थी। जिसे मौजूदा सरकार ने अब तक अटका कर रखा है।
विधायक ने अस्पताल में डॉक्टर्स सहित स्टाफ की जल्द नियुक्तियां की मांग
Lock hangs in government hospital for one year: विधायक संजय यादव ने मांग की है कि अस्पताल में डॉक्टर्स सहित स्टाफ की जल्द नियुक्तियां की जाएं फिर भले सीएम के हाथों अस्पताल का लोकार्पण करवा दिया जाए। लेकिन वो बिना स्टाफ के अस्पताल का लोकार्पण नहीं होने देंगे…. इधर जबलपुर से भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने दावा किया है कि सरकार स्वास्थय के क्षेत्र में संजीदा है, लिहाजा बरगी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की नियुक्तियां भी होंगी और जल्द अस्पताल का लोकार्पण भी करवाया जाएगा।
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